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सरकार ने इंडियन कंपनियों के विदेश में निवेश करने के नियमों को आसान बनाया

Finance Ministry ने कहा है कि विदेश में प्रत्यक्ष निवेश और विदेश में पोर्टफोलियो निवेश के बारे में नियमों को स्पष्ट किया गया है। विदेश में निवेश से जुड़े कई ट्रांजेक्शन जो पहले एप्रूवल रूट के तहत आते थे, अब ऑटोमैटिक रूट के तहत आ गए हैं। इससे इज ऑफ डूइंग बिजनेस काफी बढ़ा है

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 23, 2022 पर 9:53 AM
सरकार ने इंडियन कंपनियों के विदेश में निवेश करने के नियमों को आसान बनाया
पिछले साल सरकार ने इंडियन कंपनियों के विदेश में निवेश से जुड़े नियमों को आसान बनाने की प्रक्रिया शुरू की थी।

सरकार ने इंडियन कंपनियों के विदेश में निवेश करने से जुड़े नियमों को अधिसूचित कर दिया है। इसका मकसद इज ऑफ डूइंग बिजनेस (Ease of doing business) है। विदेश में निवेश से जुड़े मौजूदा नियमों को फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (ओवरसीज इनवेस्टमेंट) रूल्स, 2022 में शामिल कर दिया गया है। एक्विजिशन एंड ट्रांसफर ऑफ इमूवेबल प्रॉपर्टी आउटसाइड इंडिया रेगुलेशंस, 2015 को भी फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट (ओवरसीज इनवेस्टमेंट) रूल्स, 2022 का हिस्सा बना दिया गया है।

फाइनेंस मिनिस्ट्री (Finance Ministry) ने एक बयान में कहा है, "ग्लोबल मार्केट तेजी से इंटिग्रेट हो रहा है। ऐसे में इंडियन बिजनेसेज की बदलती जरूरतों को पूरा करने के लिए इंडियन कंपनियों के लिए ग्लोबल वैल्यू चेन का हिस्सा बनना जरूरी है। विदेश में निवेश के लिए रिवाइज्ड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को करेंट बिजनेस और इकोनॉमिक डायनामिक्स के हिसाब से बदला गया है।"

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मिनिस्ट्री ने कहा है कि विदेश में प्रत्यक्ष निवेश और विदेश में पोर्टफोलियो निवेश के बारे में नियमों को स्पष्ट किया गया है। विदेश में निवेश से जुड़े कई ट्रांजेक्शन जो पहले एप्रूवल रूट के तहत आते थे, अब ऑटोमैटिक रूट के तहत आ गए हैं। इससे इज ऑफ डूइंग बिजनेस काफी बढ़ा है।

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