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IndiGo का बिग प्लान, बिना रुके दिल्ली से जाएगी सीधे लंदन, कब तक मिलेगी फ्लाइट?

Indigo Big Plan: इंडिगो ने इस साल 2025 में विस्तार के लिए योजना तैयार की है। इसके लिए यह दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से सीधे उड़ान के लिए दुनिया के कई हवाई अड्डों से बातचीत कर रही है। अब विस्तार की इसी योजना के तहत विमान कंपनी अपने बेड़े में एयरबस शामिल कर रही है। इसके शामिल होने के बाद यह बिना दोबारा तेल भराए 8700 किमी तक जा सकेगी

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Feb 05, 2025 पर 2:03 PM
IndiGo का बिग प्लान, बिना रुके दिल्ली से जाएगी सीधे लंदन, कब तक मिलेगी फ्लाइट?
पांच महीने के भीतर इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) की इंडिगो (IndiGo) को इसका पहला एयरबस A321XLR विमान मिलने वाला है। यह एक बार में सबसे अधिक दूरी तक यानी दोबारा फ्यूल भराए सबसे अधिक लंबी उड़ान वाला विमान है।

पांच महीने के भीतर इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) की इंडिगो (IndiGo) को इसका पहला एयरबस A321XLR विमान मिलने वाला है। यह एक बार में सबसे अधिक दूरी तक यानी दोबारा फ्यूल भराए सबसे अधिक लंबी उड़ान वाला विमान है। इसके बेड़े में शामिल होने के बाद इंडिगो पश्चिमी यूरोप और देश के पूर्व में दूर स्थित देशों में सीधी उड़ान शुरू कर सकेगी। मनीकंट्रोल को यह जानकारी सूत्रों के हवाले से मिली है। जानकारी के मुताबिक CFM LEAP-1A इंजन से लैस इंडिगो को पहला A321XLR जून तक मिल जाएगा और पांच विमान इस साल 2025 के आखिरी तक मिलेंगे।

8700 किमी तक दोबारा फ्यूल भरवाने की जरूरत नहीं

इंडिगो के एक सीनियर एग्जीक्यूटिव ने बताया कि नए विमान में डुएल-क्लास कंफिगरेशन होगा और इसके जरिए विमान कंपनी 4700 नॉटिकल माइल्स यानी 8700 किमी तक बिना दोबारा फ्यूल भरवाए उड़ान भर सकती है। इससे विमान कंपनी भारतीय एयरपोर्ट से लंदन, एम्सटर्डम, पेरिस, टोक्यो और पर्थ के लिए सीधे उड़ सकती है। अभी इंडिगो के बेड़े में जो विमान हैं, वह एक बार में अधिकतम 7,200 किमी तक जा सकती हैं।

विस्तार योजना के तहत इंडिगो ने आईएटीए समर शेड्यूल के तहत दिल्ली से लंदन के हीथ्रू एयरपोर्ट, लंदन गैटविक एयरपोर्ट, बर्मिघम एयरपोर्ट, पेरिस चार्ल्स डी गल एयरपोर्ट और एम्सटर्डम एयरपोर्ट शिफोल तक के उड़ाने को स्लॉट के लिए आवेदन कर दिया है। आईएटीए का समर शेड्यूल 30 मार्च से 26 अक्टूबर तक का होता है और वर्ल्डवाइड एयरपोर्ट स्लॉट गाइडलाइंस का इस्तेमाल करते हुए विमान कंपनियों को स्लॉट एलॉट किए जाते हैं। हर सेशन के लिए विमान कंपनियां स्लॉट के लिए आवेदन करती हैं।

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