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अरबपतियों के बच्चों के बनाए लग्जरी ब्रांड असली स्टार्टअप नहीं हैं: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के स्टार्टअप कल्चर पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि अरबपतियों के बच्चों द्वारा बनाए गए लग्जरी ब्रांड्स को असली स्टार्टअप नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि असली इनोवेशन का उद्देश्य बड़े पैमाने पर समस्याओं को हल करना होना चाहिए, न कि सिर्फ महंगे कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बनाना। कि इस तरह के बिजनेस वैसे इनोवेशन की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करते, जिसकी भारत को जरूरत है

Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Apr 04, 2025 पर 11:00 AM
अरबपतियों के बच्चों के बनाए लग्जरी ब्रांड असली स्टार्टअप नहीं हैं: केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भारतीय स्टार्टअप्स को बड़े टेक इनोवेशन की ओर बढ़ना चाहिए

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने भारत के स्टार्टअप कल्चर पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा कि अरबपतियों के बच्चों द्वारा बनाए गए लग्जरी ब्रांड्स को असली स्टार्टअप नहीं माना जा सकता। उन्होंने कहा कि असली इनोवेशन का उद्देश्य बड़े पैमाने पर समस्याओं को हल करना होना चाहिए, न कि सिर्फ महंगे कंज्यूमर प्रोडक्ट्स बनाना। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इस तरह के बिजनेस वैसे इनोवेशन की सोच का प्रतिनिधित्व नहीं करते, जिसकी भारत को जरूरत है। केंद्रीय मंत्री नेनई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम 'स्टार्टअप महाकुंभ 2025' के दौरान ये टिप्पणियां कीं, जहां उन्होंने इनोवेशन और स्टार्टअप कल्चर के सही मायनों पर जोर दिया।

गोयल ने कहा, "मैं देश भर में स्टार्टअप की सफलता की कहानियों को देख रहा हूं। और जहां भी जाता हूं, मुझे कम से कम तीन-चार अरबपतियों के ऐसे बच्चे मिलते हैं, जो फैंसी कुकीज और आइसक्रीम जैसे ब्रांड बनाते हैं। मुझे इससे कोई शिकायत नहीं है, लेकिन क्या यही भारत का भविष्य है?" उन्होंने सवाल उठाया कि क्या भारत को ऐसी कंपनियों से संतुष्ट होना चाहिए, जो केवल मौजूदा बाजार में लग्जरी प्रोडक्ट पेश करती हैं, या फिर उसे बड़े टेक इनोवेशन की ओर बढ़ना चाहिए।

मंत्री ने इस ट्रेंड की आलोचना करते हुए कहा कि सिर्फ अच्छी पैकेजिंग, 'हेल्दी', 'ग्लूटेन-फ्री' और 'वीगन' जैसे लेबल लगाकर किसी प्रोडक्ट को स्टार्टअप कहना सही नहीं है। उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा, "यह आंत्रप्रेन्योरशियर है, बिजनेस है, लेकिन यह स्टार्टअप नहीं है।"

पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि भारत का स्टार्टअप इकोसिस्टम दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है। लेकिन इसके बावजूद अगर हमें ग्लोबल स्तर पर अग्रणी बनना है, तो डीप-टेक, मैन्युफैक्चरिंग और बड़े पैमाने पर इनोवेशन पर ध्यान देना होगा।

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