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सभी सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए 10 साल का प्लान बनाए सरकार, RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव का सुझाव

RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव (D Subbarao) ने सभी सरकारी बैंकों (PSB) के निजीकरण (Privatisation) के लिए सरकार को 10 साल का एक खाका या रूपरेखा तैयार करने का सुझाव दिया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 07, 2022 पर 5:53 PM
सभी सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए 10 साल का प्लान बनाए सरकार, RBI के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव का सुझाव
वित्त वर्ष 2021-22 के केंद्रीय बजट में, सरकार ने दो सरकारी बैंकों के निजीकरण की घोषणा की थी

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर डी सुब्बाराव (D Subbarao) ने सभी सरकारी बैंकों (PSB) के निजीकरण (Privatisation) के लिए सरकार को 10 साल का एक खाका या रूपरेखा तैयार करने का सुझाव दिया है। उन्होंने कहा है कि यह रूपरेखा या खाका बैंकिंग इंडस्ट्री से जुड़े सभी स्टेकहोल्डर्स को एक जरूरी अनुमान मुहैया कराएगा।

सुब्बाराव ने आगे कहा कि सरकारी बैंकों के निजीकरण के लिए बहुत बड़ा अप्रोच अपनाने की जरूरत नहीं है, लेकिन साथ ही इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में भी नहीं रखा जाना चाहिए।

न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा, "आदर्श रूप से हमारे पास सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण करने के लिए शायद 10 साल की समयसीमा में एक खाका या रूपरेखा होनी चाहिए। इससे सभी स्टेकहोल्डर्स या हितधारक स्थिति का अनुमान लगा सकेंगे।" सुब्बाराव ने यह भी कहा कि सरकार को सरकारी बैंकों को कंपनी का रूप देने के बार में भी सोचना चाहिए ताकि वे समान रिजर्व बैंक विनियमन के दायरे में आ जाएं।

सुब्बाराव के अनुसार, सरकारी बैंकों के निजीकरण से भारतीय अर्थव्यवस्था पर दो तरह से असर पड़ेगा। उन्होंने कहा, "सरकारी बैंक, सामाजिक उद्देश्यों को चलाने के दायित्व से मुक्त होकर निजी बैंकों की तरह मुनाफे को अधिकतम करने का प्रयास करेंगे। इससे बैंकिंग सिस्टम की कुल क्षमता और दक्षता में सुधार होगा।"

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