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MPL Layoff: 80% एंप्लॉयीज की होगी छुट्टी! रियल-मनी गेमिंग बैन के बाद ये है एमपीएल का प्लान

MPL Layoff: ऑनलाइन मनी गेम्स पर सरकारी बैन के चलते गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) में बड़े पैमाने पर छंटनी होने वाली है। इसके झटके से भारत में काम कर रहे एमपीएल के करीब 480 यानी 80% एंप्लॉयीज की छुट्टी हो सकती है। जानिए इस छंटनी की मार एमपीएल के किन-किन एंप्लॉयीज पर पड़ेगा और कंपनी की स्ट्रैटेजी क्या है?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Sep 01, 2025 पर 9:22 AM
MPL Layoff: 80% एंप्लॉयीज की होगी छुट्टी! रियल-मनी गेमिंग बैन के बाद ये है एमपीएल का प्लान
MPL को श्रीनिवास और शुभ मल्होत्रा ने वर्ष 2018 में शुरू किया था। कंपनी का दावा है कि एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका में इसके 9 करोड़ से अधिक रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।

MPL Layoff: सरकार ने रियल मनी गेम्स पर बैन लगा दिया है। इसका असर अब एंप्लॉयीज की नौकरी पर भी दिखने वाला है। गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (MPL) भारत में अपने 60-80% एंप्लॉयीज की छंटनी करने वाली है। कंपनी के को-फाउंडर साई श्रीनिवास ने यह जानकारी एंप्लॉयीज को एक इंटर्नल मेमो में दी है। इस छंटनी की मार इसके 480 एंप्लॉयीज तक पर पड़ सकती है। अभी इसके करीब 500-600 एंप्लॉयीज हैं। छंटनी की तलवार कंपनी के पॉलिसी, मार्केटिंग, फाइनेंस, ऑपरेशंस, इंजीनियरिंग और लीगल टीम पर चलेगी। मनीकंट्रोल को सूत्रों से यह जानकारी मिली है।

इससे पहले अगस्त 2023 में कंपनी ने बड़े पैमाने पर छंटनी हुई थी जब जीएसटी काउंसिल की सिफारिशों पर इसके 350 एंप्लॉयीज को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। जीएसटी काउंसिल ने उस समय स्किल का गेम हो या चांस का, हर प्रक्रा के रियल-मनी गेम्स पर 28% टैक्स लगाने की सिफारिश की थी। यह व्यवस्था अक्टूबर 2023 से लागू हुई थी।

अब क्या है MPL का प्लान?

एमपीएल के को-फाउंडर साई श्रीनिवास ने एंप्लॉयीज से कहा है कि एमपीएल ग्रुप को एम-लीग का आधा यानी 50% रेवेन्यू भारत से ही मिलता था लेकिन अब नए कानून के चलते भारत से इसे कोई रेवेन्यू नहीं मिलेगा। साई श्रीनिवास का कहना है कि यह एक बड़ा झटका है, और अब कंपनी को भारत में एमपीएल के लिए एक नया बिजनेस मॉडल ढूंढने के लिए कड़ी मेहनत करनी होगी। बता दें कि देश के नए ऑनलाइन गेमिंग कानून के मुताबिक ऑनलाइन मनी गेम्स प्रतिबंधित हो गए हैं। 22 अगस्त को संसद से इस बिल को मंजूरी मिलने के बाद एमपीएल समेत सभी रियल-मनी गेमिंग कंपनियों ने अपने प्लेटफॉर्म पर पैसे वाले सभी गेम्स को बंद कर दिया। हालांकि फ्री-टू-प्ले गेम्स अभी भी चालू हैं।

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