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TCS Layoffs: सरकार से तुरंत दखल देने की अपील, IT सेक्टर में श्रम कानून के उल्लंघन का आरोप

TCS में छंटनी के तहत एक साल में लगभग 12000 कर्मचारियों की नौकरी जाने वाली है। कंपनी छंटनी से प्रभावित कर्मचारियों को 6 महीने से लेकर अधिकतम 2 साल तक की सैलरी को सेवरेंस पैकेज के रूप में दे रही है। सिंह के लेटर में आईटी सेक्टर में श्रम कानूनों के बड़े पैमाने पर उल्लंघन का जिक्र किया गया है

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Oct 04, 2025 पर 2:54 PM
TCS Layoffs: सरकार से तुरंत दखल देने की अपील, IT सेक्टर में श्रम कानून के उल्लंघन का आरोप
लेटर में राजा राम सिंह ने बड़े पैमाने पर छंटनी को लेकर चिंता जताई है।

टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) और भारतीय IT/ITES सेक्टर में अवैध छंटनी को रोकने के लिए सरकार से तुरंत दखल देने की अपील की गई है। यह अपील लोकसभा सांसद और लेबर, टेक्सटाइल और स्किल डेवलपमेंट संबंधी स्थायी समिति के सदस्य राजा राम सिंह ने की है। उन्होंने श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया और इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव को 1 अक्टूबर, 2025 को एक लेटर लिखा। है। इसमें सिंह ने बड़े पैमाने पर छंटनी को लेकर चिंता जताई है।

टीसीएस में छंटनी के तहत एक साल में लगभग 12000 कर्मचारियों की नौकरी जाने वाली है। छंटनी का असर वर्कफोर्स के 2 प्रतिशत तक सीमित है। सिंह का मानना है कि हकीकत में आंकड़ा कहीं अधिक मालूम होता है। सांसद ने टीसीएस के इस तर्क को सीधी चुनौती दी कि छंटनी "स्किल मिसमैच" के कारण हो रही है।

उन्होंने कंपनी की वित्त वर्ष 2024-25 की सालाना रिपोर्ट का हवाला दिया। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि 91 प्रतिशत कर्मचारियों को स्किल-अपग्रेडेशन ट्रेनिंग नहीं मिली है। सिंह का तर्क है कि ये जॉब कट ग्लोबल एंप्लॉयमेंट पॉलिसी के किसी भी कीमत पर विकास से किसी भी कीमत पर प्रॉफिट की ओर शिफ्ट होने का हिस्सा है।

श्रम कानून का हो रहा उल्लंघन

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