अमेरिकी संसद के ऊपरी सदन सीनेट में पेश एक नए बिल ने भारतीय आईटी कंपनियों की नींद उड़ा दी है। पहले से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उनके व्यापार सलाहकार पीटर नवारो की इंडिया पर टेढ़ी नजरें हैं। हालांकि, एनालिस्ट्स का कहना है कि यह बिल एक राजनीतिक हथकंडा है इसका इंडिया की 280 अरब डॉलर की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री पर तुरंत कोई असर पड़ने नहीं जा रहा है। सवाल है कि आखिर यह नया बिल क्या है?