Get App

Vedanta ने सरकार के खिलाफ जीता मध्यस्थता मुकदमा, 1.1 अरब डॉलर की ‘लागत’ से जुड़ा है मामले

समझौते के अनुसार कंपनी को सरकार के साथ तय अनुपात में लाभ बांटने से पहले सभी लागत को वसूलने की अनुमति दी जाती है। अगर लागत के एक हिस्से को नकार दिया जाता है, तो इसके चलते अधिक मुनाफा होगा और सरकार को ज्यादा हिस्सा मिलेगा

Edited By: Shubham Singh Thakurअपडेटेड Aug 27, 2023 पर 5:01 PM
Vedanta ने सरकार के खिलाफ जीता मध्यस्थता मुकदमा, 1.1 अरब डॉलर की ‘लागत’ से जुड़ा है मामले
वेदांता (Vedanta) ने सरकार के खिलाफ मध्यस्थता का मुकदमा जीत लिया है।

खनन कारोबारी अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली वेदांता (Vedanta) ने 9,545 करोड़ रुपये (1.16 अरब डॉलर) की लागत को स्वीकार नहीं करने के मामले में सरकार के खिलाफ मध्यस्थता का मुकदमा जीत लिया है। सरकार ने कंपनी के राजस्थान ऑयल और गैस फील्ड से अधिक भुगतान की मांग की थी। दूसरी ओर वेदांता ने कहा था कि कुछ निश्चित लागत में 9,545 करोड़ रुपये खर्च हुए। वेदांता ने इस मांग को मध्यस्थता न्यायाधिकरण (Arbitration Tribunal) में चुनौती दी थी।

क्या है मामला

सरकार ने तेल ब्लॉक की कुछ लागत को फिर से आवंटित करने और राजस्थान ब्लॉक से उत्पादित तेल के लिए पाइपलाइन बिछाने पर आने वाली लागत के एक हिस्से को अस्वीकार कर दिया था। ऐसे में अतिरिक्त लाभ पेट्रोलियम (या ऑयल और गैस फील्ड में इसका हिस्सा) की मांग की गई।

समझौते के अनुसार कंपनी को सरकार के साथ तय अनुपात में लाभ बांटने से पहले सभी लागत को वसूलने की अनुमति दी जाती है। अगर लागत के एक हिस्से को नकार दिया जाता है, तो इसके चलते अधिक मुनाफा होगा और सरकार को ज्यादा हिस्सा मिलेगा।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें