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Diamond Demand In India: सोने की तेजी ने बढ़ाई डायमंड की मांग, एक्सपर्ट्स से जानें आगे कितनी ग्रोथ की हैं उम्मीद

Diamond Demand In India: प्रशांत मेहता का कहना है कि लैब ग्रोन हीरों की मांग देश में बढ़ी है। 5-10 साल पहले ही लैब ग्रोन डायमंड आए। शुरुआत में प्रोडक्शन कॉस्ट ज्यादा था। समय बीतने के साथ प्रोडक्शन कॉस्ट गिरी। लैब ग्रोन हीरों के दाम गिरने की उम्मीद नहीं है। नैचुरल हीरों की 5-10% कीमत में मिल जाता है। मिडिल क्लास में लैब ग्रोन हीरों की मांग बढ़ी।

Edited By: Sujata Yadavअपडेटेड Jul 03, 2025 पर 5:25 PM
Diamond Demand In India:  सोने की तेजी ने बढ़ाई डायमंड की मांग, एक्सपर्ट्स से जानें आगे कितनी ग्रोथ की हैं उम्मीद
गहनों की डिजायनिंग में AI का इस्तेमाल बढ़ा है। युवाओं में भी सोने के प्रति आकर्षण बढ़ा है। हमारा डिजायनिंग पर काफी जोर है।

Diamond Demand:  सोने की तेजी से एक बार फिर से डायमंड की डिमांड बढ़ा दी है। देश में लैब ग्रोन डायमंड्स की मांग बढ़ी है। देश के युवाओं में नैचुरल, लैब ग्रोन की मांग बढी है। बढ़ती कीमतों के चलते लोगों का रुझान 18 कैरेट और 14 कैरेट के गहनों की तरफ ज्यादा बढा है। 2025 में अब तक सोना जहां 28% चढ़ा है , वहीं चांदी में 25 फीसदी की तेजी देखने को मिली है।

बता दें कि भारत डायमंड ज्वेलरी का सबसे बड़ा एक्सपोर्टर है। लैब ग्रोन डायमंड बनाने में भारत का 50% हिस्सा है। आगे कैसे रहेगी डायमंड की डिमांड इसी पर बात करते हुए लक्ष्मी डायमंड के चेतन मेहता का कहना है कि 2023-24 में हीरे के बाजार में मंदी थी। हीरे के दाम गिरने का असर इंडस्ट्री पर पड़ा। हर साल हीरे की मांग बढ़ती ही दिखी है, 2025 में हीरे के बाजार में बढ़त लौटी है। नैचुरल डायमंड्स की मांग तेजी से बढ़ी है। हालांकि डायमंड की कीमतों में स्थिरता आई है।

उन्होंने कहा कि सोने की तेजी का फायदा डायमंड को मिला। लोगों का डायमंड्स में निवेश बढ़ा है। सोने दाम चढ़ने से डायमंड इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा। महिलाओं में सोने के प्रति खास लगाव है। सोने के दाम चढ़ने से हल्के गहनों की मांग बढ़ी। 18-14 कैरेट के गहनों की मांग बढ़ी है। साउथ में 22 कैरेट के गहनों की मांग कायम है। दाम चढ़ने से डियनिंग का महत्व बढ़ा है। ज्वेलर्स भी अब बजट में गहने बना रहे हैं। कम वजन वाले गहनों की बिक्री ज्यादा है।

सॉलिटेयर हर कोई नहीं पहन सकता है। सॉलिटेयर आम आदमी के बजट से बाहर है। 1-11 सेंट के हीरों की मांग हमेशा रहती है। ज्लेवरी ज्यादातर छोटे डायमंड्स से बनती है। बाजार में सॉलिटेयर की हिस्सेदारी 5-7% है, जबकि 92-93% बाजार छोटे हीरों का ही है। छोटे हीरों का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। Q2 से डायमंड इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें है। साल के 6 महीने ही मांग देखने को मिलती है। त्योहारों के मद्देनजर सोने की मांग बढ़ेगी। लोग मान रहे हैं कि सोने के दाम ज्यादा नहीं गिरेंगे।

चेतन मेहता ने आगे कहा कि साउथ में डायमंड्स की मांग ज्यादा है। बेस क्वालिटी डायमंड्स साउथ में बिकते हैं। VVS क्वालिटी के डायमंड्स की मांग ज्यादा है। नॉर्थ, दूसरे राज्यों में बड़े डायमंड्स की मांग ज्यादा है।

स्वर्णशिल्प चेन्स एंड ज्वैलर्स की खुशबू राणावत का कहना है कि लोगों के लिए सोना अब निवेश बना गया है। लोग पूरी पूंजी शेयर में नहीं लगाना चाहते हैं। हल्के गहनों की मांग तेजी से बढ़ी है। 18 कैरेट ही अब सोने का अगला भविष्य है। 18 कैरेट के गहनों की मांग काफी बढ़ी है। FY26 का Q1 इंडस्ट्री के लिए सुस्त रहा , लेकिन Q2 से इंडस्ट्री को काफी उम्मीदें हैं। धनतेरस, दिवाली पर मांग हमेशा बढ़ती है।

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