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2 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंचा ग्वार गम, आगे कहां तक बढ़ सकते है भाव, क्या बेमौसम की बारिश बिगाड़ेगी खेल

पुखराज चोपड़ा का कहना है कि ग्वार का एक्सपोर्ट 27000-29000 टन हुआ है। मंडियों में ग्वार का आवक शुरु नहीं हुआ है। गर्मी , फंगस के कारण फसल को थोड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस साल 70 लाख बोरी उत्पादन का अनुमान है। पहले 1.30 करोड़ बोरी उत्पादन का अनुमान था

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 14, 2024 पर 1:27 PM
2 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंचा ग्वार गम, आगे कहां तक बढ़ सकते है भाव, क्या बेमौसम की बारिश  बिगाड़ेगी खेल
ग्वार की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। ग्वार गम 2 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गया है।

ग्वार की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है। ग्वार गम 2 हफ्तों की ऊंचाई पर पहुंच गया है। ग्वार गम नवंबर वायदा 11600 के पार निकला है। ग्वार सीड नवंबर वायदा 5700 के करीब पहुंचा है। बता दें कि ग्वार गम का भाव 2 हफ्तों में 5% चढ़ा है जबकि 2 हफ्तों में ग्वार सीड का भाव 3.50% चढ़ा है। मांग बढ़ने से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। क्रूड में तेजी से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा।

एग्री कमोडिटी एक्सपर्ट पुखराज चोपड़ा का कहना है कि ग्वार का एक्सपोर्ट 27000-29000 टन हुआ है। मंडियों में ग्वार का आवक शुरु नहीं हुआ है। गर्मी , फंगस के कारण फसल को थोड़ा नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा कि इस साल 70 लाख बोरी उत्पादन का अनुमान है। पहले 1.30 करोड़ बोरी उत्पादन का अनुमान था।

पुखराज चोपड़ा ने कहा कि ग्वार की कीमतों में आगे तेजी देखने को मिल सकती है। दक्षिण राजस्थान में धान की फसल को बारिश से नुकसान हुआ है। उनका कहना है कि पूरे सीजन में  नीचे की तरफ 5500 रुपये और ऊपरी स्तर पर 6000-6400 के आसपास ग्वार का भाव रहना चाहिए।

निर्मल बंग सिक्योरिटीज के वीपी कुणाल शाह ने कहा कि ग्वार गम में तेजी का नजरिया बना हुआ है। उनका कहना है कि भले ही क्रूड की कीमतों में नरमी आ रही है लेकिन भारतीय बाजार को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि ये 5800-6000 रुपये का स्तर दिखा सकता है। लिहाजा इसमें मौजूदा स्तर से खरीदारी की जा सकती है। ग्वार गम का भाव 5200 रुपये के नीचे नहीं जाएगा।

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