भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय मुद्रा रुपये का अंतरराष्ट्रीयकरण करने के लिए 11 जुलाई, 2022 को आयातकों और निर्यातकों को रुपये में लेनदेन करने की अनुमति दी थी। इस पहल के तहत कुछ चुनिंदा देशों के साथ नॉन-ऑयल ट्रेड में कुछ सफलता मिली है, लेकिन तेल निर्यातकों की रुपये से दूरी जारी है। कच्चे तेल के आयात पर रुपये में भुगतान करने की भारत की पहल को अब तक खास कामयाबी नहीं मिल पाई है। पेट्रोलियम मंत्रालय ने संसद की एक स्थायी समिति को यह जानकारी देते हुए कहा है कि सप्लायर्स ने फंड को पसंदीदा मुद्रा में बदलने और लेनदेन की ऊंची लागत को लेकर चिंता जताई है।