Mustard Price: सरसों की मांग में इजाफा देखने को मिल रहा है। बढ़ती मांग के साथ सरसों की कीमतों में भी इजाफा देखने को मिल रहा है। सरसों की आवक और पेराई के आंकड़ों पर नजर डालें तो 1से 31 मार्च 2025 तक सरसों की आवक 14.50 लाख मीट्रिक टन रही जबकि इसकी पेराई 11.50 लाख मीट्रिक टन पर रही। 1 से 30 अप्रैल 2025 तक सरसों की आवक 15 लाख मीट्रिक टन रही जबकि इसकी पेराई 13 लाख मीट्रिक टन पर रही।1 से 31 मई 2025 तक देश में सरसों की आवक 11.00 लाख मीट्रिक टन रही जबकि इसकी पेराई 10.50 लाख मीट्रिक टन पर रही। वहीं 1 से 30 जून तक देश में सरसों की आवक 10.00 लाख मीट्रिक टन रही जबकि इसकी पेराई 11.25 लाख मीट्रिक टन पर रही।
MOPA के अनिल चत्तर का कहना है कि बाजार में पिछले 2 महीनों से सरसों की तेल की डिमांड काफी अच्छी चल रही है। हर साल सरसों के तेल की खपत में भी 7-10 फीसदी इजाफा देखने को मिल रहा है। सोया, पाम, सनफ्लावर के मुकाबले सरसों के कीमतों में 32-33 रुपये का अंतर बढ़ा है। पहले किसी टाइम में यह ₹30 तक का डिफरेंस गया था। लेकिन फिर भी मस्टर्ड की डिमांड इंडिया में कोविड के बाद बढ़ी है। पिछले साल जून के मुकाबले इस साल 10 फीसदी सरसों की पेराई ज्यादा हुई है।
उन्होंने आगे कहा कि ट्रेडर्स, सरकार और ट्रेड के पास सरसों की आवक मौजूद है। जुलाई- अगस्त में भी सरसों की डिमांड बाजार में बनी रहने की पूरी उम्मीद है।
इंपोर्टेड तेलों से कोई कंपटीशन बनता हुआ देखते है? इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि इंपोर्टेड तेलों का असर देखने को मिल सकता है। दूसरे तेलों के मुकाबले 35 रुपये किलो के ऊपर का डिफरेंस बनते ही सरसों की बिक्री में कमजोरी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि किसानों के पास भी सरसों की अच्छी फसल बनी हुई है। देश में सरसों का भाव MSP के ऊपर है। सरसों का भाव 6200 -6500 रुपये पर बना हुआ है।
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