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5G spectrum auction: टेलीकॉम कंपनियों ने पहले दिन 11,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई

देश के प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने 5जी स्पेक्ट्रम के ऑक्शन के पहले दिन 11,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई। इस दौरान पांच राउंड की बोली लगी। बिडिंग की प्रक्रिया 26 जून को भी जारी रहेगी। भारत सरकार 96,317.65 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बेच रही है। सूत्रों ने बताया कि रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने 900 मेगाहर्ट्ज और चुनिंदा मिड-बैंड, 1,800 मेगाहर्ट्ज और 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड में बोली लगाई है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 25, 2024 पर 10:29 PM
5G spectrum auction: टेलीकॉम कंपनियों ने पहले दिन 11,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई
इस नीलामी में खरीदा गया स्पेक्ट्रम 20 साल के लिए वैलिड रहेगा।

देश के प्राइवेट टेलीकॉम ऑपरेटर्स ने 5जी स्पेक्ट्रम के ऑक्शन के पहले दिन 11,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई। इस दौरान पांच राउंड की बोली लगी। बिडिंग की प्रक्रिया 26 जून को भी जारी रहेगी। भारत सरकार 96,317.65 करोड़ रुपये का स्पेक्ट्रम बेच रही है। सूत्रों ने बताया कि रिलायंस जियो और वोडाफोन आइडिया ने 900 मेगाहर्ट्ज और चुनिंदा मिड-बैंड, 1,800 मेगाहर्ट्ज और 2,100 मेगाहर्ट्ज बैंड में बोली लगाई है, ताकि वे अपनी 5जी होल्डिंग को मजबूत कर सकें।

टेलीकॉम डिपार्टमेंट की वेबसाइट के मुताबिक, टेलीकॉम कंपनियों ने 25 जून को 800 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज, 2100 मेगाहर्ट्ज, 2500 मेगाहर्ट्ज, 3300 मेगाहर्ट्ज और 26 गीगाहर्ट्ज के बैंड में दिलचस्पी दिखाई। स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित बोली के पहले दिन टेलीकॉम कंपनियों ने 900 मेगाहर्ट्ज बैंड में 7,004 करोड़ रुपये में 60.4 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदे। इसके अलावा, कंपनियों ने 1800 मेगाहर्ट्ज बैंड में 3,614 करोड़ रुपये में 50.6 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम और 2100 मेगाहर्ट्ज बैंड में 546 करोड़ रुपये में 20 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदे।

इस नीलामी में खरीदा गया स्पेक्ट्रम 20 साल के लिए वैलिड रहेगा। टेलीकॉम कंपनियां 10 साल के बाद स्पेक्ट्रम को शेयर और सरेंडर करने के साथ इसकी ट्रेडिंग और लीज पर देने का काम भी कर सकती हैं। टेलीकॉम कंपनियां ब्याज खर्च बचाने के लिए तत्काल भुगतान का विकल्प चुन सकती हैं। इस नीलामी में बाद में पेमेंट के लिए ब्याज दर 8.65 पर्सेंट है, जो 2022 की नीलामी के समय तय ब्याज दर 7.2% से ज्यादा है।

साल 2022 की स्पेक्ट्रम की नीलामी से सरकार को 1.5 लाख करोड़ रुपये हासिल हुए थे। रिलायंस जियो, भारती एयरटेल लिमिटेड और वोडाफोन आइडिाय ने अर्नेस्ट मनी डिपॉजिट के तौर पर 4,350 करोड़ रुपये दिए हैं। रिलायंस जियो ने सबसे ज्यादा यानी 3,000 करोड़ रुपये जमा किए, जबकि भारती एयरटेल और वोडाफोन ने क्रमशः 1,050 करोड़ और 300 करोड़ रुपये दिए।

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