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Deepak Parekh exclusive interview | इंडिया में अगले 50 साल तक घरों की डिमांड खत्म नहीं होगी : दीपक पारेख

दीपक पारेख ने कहा कि बैंक के बिजनेस और मॉर्टगेज फाइनेंस के बिजनेस में अंतर है। दोनों से अलग-अलग तरह की भावनाएं जुड़ी होती हैं। हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के मुकाबले बैंक को सख्त रुख अपनाना पड़ता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 05, 2022 पर 5:04 PM
Deepak Parekh exclusive interview | इंडिया में अगले 50 साल तक घरों की डिमांड खत्म नहीं होगी : दीपक पारेख
अभी एचडीएफसी लिमिटेड के होम लोन का इंट्रेस्ट रेट इंडस्ट्री में सबसे कम है। यह सिर्फ 6.7 फीसदी है।

HDFC Bank में HDFC का मर्जर होने जा रहा है। एचडीएफसी के चेयरमैन दीपक पारेख ने सोमवार को इसका ऐलान किया। उन्होंने इसे दो बराबर कंपनियों का मर्जर करार दिया। मर्जर के बाद एचडीएफसी बैंक का बाजार पूंजीकरण (Market Cap of HDFC Bank) 12.8 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा होगा। इसकी बैलेंस शीट 17.9 लाख करोड़ रुपये होगी। दीपक पारेख ने मनीकंट्रोल से खास बातचीत में मर्जर के बारे में कई अहम बातें बताईं। यहां पेश है इंटरव्यू की मुख्य बातें।

मर्जर पूरा होने के बाद क्या एचडीएफसी बैंक को कस्टमर्स को लेकर एप्रोच में बदलाव करना पड़ेगा?

हमें दोनों कंपनियों के कल्चर को मर्ज करना पड़ेगा। अब हमारे सभी कर्मचारी एचडीएफसी बैंक के हिस्सा बन जाएंगे। इस दौरान थोड़ी कठिनाई आएगी। अब एचडीएफसी बैंक को हाउसिंग लोन बिजनेस भी संभालना होगा, जो बहुत इमोशनल, पर्सनल और पारिवारिक होता है। इसलिए हमें अपने कस्टमर्स को लेकर बहुत केयरफुल रहना होगा।

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