तेजी से बदलती दिनचर्या, बिगड़ती डाइट और हर पल की भागदौड़ आज दिल के लिए खतरे की घंटी बन गई है। पहले जो हार्ट अटैक सिर्फ बुजुर्गों की समस्या मानी जाती थी, अब वो युवाओं को भी तेजी से अपनी चपेट में ले रही है। खासकर 30 से 45 साल की उम्र के बीच हार्ट अटैक के मामले बढ़ते जा रहे हैं। लोगों को लगता है कि दिल का दौरा अचानक आता है, लेकिन हकीकत ये है कि शरीर पहले से कुछ संकेत देने लगता है। सीने में हलका दर्द, थकान, सांस फूलना या बेचैनी जैसी छोटी-छोटी दिक्कतों को हम नजरअंदाज कर देते हैं, जो आगे चलकर बड़ी समस्या बन सकती है।