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रमजान में डायबिटीज पेशेंट भी रख सकते हैं रोजा? फास्टिंग के दौरान डॉक्टर के इन बातों का जरूर रखे ध्यान

रमजान का महीना मुस्लिम धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। इस साल 2 मार्च से रमजान की महीना शुरू हो चुका है और मुस्लिम समुदाय के लोग रोजा रख रहे हैं। वहीं रमजान के महीने में डायबिटीज के मरीज भी रोजा रख सकते हैं, लेकिन उन्हें कुछ सावधानियां बरतनी चाहिए

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 07, 2025 पर 7:20 PM
रमजान में डायबिटीज पेशेंट भी रख सकते हैं रोजा? फास्टिंग के दौरान डॉक्टर के इन बातों का जरूर रखे ध्यान
अगर डायबिटीज मरीज रोजा रखना चाहते हैं तो कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रख सकते हैं

रमजान का पवित्र महीना 2 मार्च से शुरू हो चुका है। इस्लाम धर्म मानने वाले लोगों के लिए रमजान का महीना बहुत पाक माना जाता है। इस दौरान इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं। कई डायबिटीज मरीज भी रोजा रखते हैं। हालांकि पवित्र कुरान के अनुसार बीमार लोगों के लिए रोजा रखना जरूरी नहीं है। अगर डायबिटीज मरीज रोजा रखना चाहते हैं तो कुछ जरूरी सावधानियां अपनाकर अपने ब्लड शुगर को कंट्रोल में रख सकते हैं।

रमजान में रोजे की अवधि सूर्योदय और सूर्यास्त पर निर्भर करती है। इस दौरान सुबह की पहली किरण से लेकर सूर्य डूबने तक कुछ भी नहीं खाया जाता। लंबे समय तक बिना खाए रहने से शरीर के पाचन तंत्र पर असर पड़ सकता है, जिससे डायबिटीज के मरीजों को परेशानी हो सकती है। ऐसे में डॉक्टर की सलाह लेकर डायबिटीज के पेशेंट रोजा रख सकते हैं

रोजा रखने पर डॉक्टर ने क्या कहा

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के डायबिटीज विशेषज्ञ, डॉ. हामिद अशरफ ने बताया कि डायबिटीज मरीज सुरक्षित तरीके से रोजा कैसे रख सकते हैं। जेएन मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर हामिद अशरफ ने लोकल 18 से बात करते हुए कहा कि, "डायबिटीज मरीज भी रोजा रख सकते हैं, लेकिन इसके लिए डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है जिससे उनकी सेहत पर बुरा असर न पड़े।"

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