आज कल की हेक्टिक लाइफस्टाइल में डेस्क जॉब की वजह से लोग लंबे समय तक बैठे रहते हैं। ज्यादातर ऑफिस कर्मचारी रोजाना 6 से 8 घंटे कुर्सी पर बैठे काम करते हैं, और इसमें ऑफिस आने-जाने या घर पर आराम करने का समय भी जुड़ जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि इस तरह की लाइफ स्टाइल से सेहत को गंभीर नुकसान हो सकता है। लगातार बैठे रहने से दिल की बीमारियों से लेकर मेंथल हेल्थ तक की समस्याएँ हो सकती हैं। एक्सपर्ट इसे इतना खतरनाक मानते हैं कि अब इसे हेल्थ के लिए स्मोकिंग की तरह खतरनाक माना जा रहा है।
लंबे समय तक बैठना है खतरनाक
अमेरिका और ब्रिटेन जैसे अमीर देशों में, ऑफिस कर्मचारी हर दिन औसतन 7 से 9 घंटे तक बैठे रहते हैं। इसमें डेस्क पर काम करना, यात्रा करना और स्क्रीन पर आराम करना शामिल है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) के मुताबिक, अगर फिजिकल एक्सरसाइज न हो और कोई रोज 8 घंटे से ज़्यादा बैठे, तो उसे दिल की बीमारी से मौत का खतरा 50-60% तक बढ़ सकता है। वहीं, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) का कहना है कि फिजिकल एक्टिविटी ना होने या लंबे समय तक बैठना, हर साल करीब 32 लाख मौतों की वजह बनती है। यही कारण है कि इसे दुनिया में रोकी जा सकने वाली मौतों के बड़े कारणों में गिना जाता है।
कितनी देर बैठना हेल्थ के लिए नुकसानदायक है?
हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, अगर आप हर दिन 6 से 8 घंटे से ज़्यादा समय तक बैठे रहते हैं, तो इससे सेहत पर बुरा असर पड़ सकता है। 2021 में JAMA कार्डियोलॉजी में छपी एक रिसर्च के अनुसार, जो लोग बिना ब्रेक के रोज 8 घंटे या उससे ज़्यादा बैठते हैं, उनमें दिल की बीमारियाँ होने का खतरा 20% तक बढ़ जाता है। इसके अलावा, ऐसे लोगों की किसी भी कारण से मौत का जोखिम, दिन में 4 घंटे से कम बैठने वालों की तुलना में 50% ज़्यादा होता है। इसी तरह, ब्रिटिश जर्नल ऑफ़ स्पोर्ट्स मेडिसिन की 2020 की रिपोर्ट बताती है कि रोज़ 7 घंटे से ज़्यादा बैठने से टाइप 2 डायबिटीज़ का खतरा 30% और मोटापा बढ़ने का खतरा 24% तक बढ़ सकता है।
सिर्फ एक्सरसाइज करना ही काफी नहीं
विशेषज्ञों का कहना है कि केवल नियमित रूप से व्यायाम करने से दिनभर ज़्यादा देर तक बैठने के नुक़सान पूरी तरह नहीं मिटाए जा सकते। 2022 में मेडिसिन एंड साइंस इन स्पोर्ट्स एंड एक्सरसाइज़ में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, जो लोग विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की सिफारिश के अनुसार हफ्ते में 150 से 300 मिनट तक एक्सरसाइज करते हैं, उन्हें भी अगर वे रोज़ाना 8 घंटे से ज़्यादा बैठते हैं, तो दिल की बीमारियां और मेटाबॉलिक सिंड्रोम (जैसे मोटापा, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़) होने का खतरा बढ़ सकता है। लेकिन केवल एक्सरसाइज़ से काम नहीं चलेगा। दिनभर में बैठने के कुल समय को भी कम करना बेहद ज़रूरी है।
दिल की सेहत पर असर डालता है ज्यादा देर तक बैठना
अगर आप रोज़ाना लंबे समय तक बैठे रहते हैं, तो यह आपके दिल के लिए खतरनाक हो सकता है। इससे शरीर में ब्ल्ड फ्लो धीमा हो जाता है और नसों की कार्यप्रणाली पर बुरा असर पड़ता है। 2023 में Circulation नामक एक अध्ययन में पाया गया कि अगर कोई व्यक्ति दिन में 6 घंटे से ज़्यादा बैठता है, तो उसकी रक्त नलिकाओं की भीतरी परत को नुकसान हो सकता है। इससे धमनियों के बंद होने और दिल की बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन (AHA) का भी कहना है कि लगातार बैठे रहने से ट्राइग्लिसराइड्स (खराब वसा) बढ़ जाते हैं और HDL यानी “अच्छा” कोलेस्ट्रॉल घटता है, जिससे हार्ट अटैक का जोखिम बढ़ सकता है।
मेंटल हेल्थ पर भी असर
लंबे समय तक बैठने का असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है। 2024 में लैंसेट साइकियाट्री में प्रकाशित एक अध्ययन में पाया गया कि जो लोग रोज़ाना 6 घंटे से ज़्यादा बैठते हैं, उनमें अवसाद और चिंता की आशंका बढ़ जाती है। इसके पीछे एक बड़ा कारण यह है कि बहुत देर तक एक ही जगह बैठे रहने से न केवल शरीर की सक्रियता कम होती है, बल्कि सोशल एक्टिविटी भी घट जाता है। साथ ही, स्क्रीन पर लगातार समय बिताने से भी मानसिक स्थिति और खराब हो सकती है।
बैठने की आदत को कैसे दूर करें
हेल्थ एक्सपर्ट का मानना है कि लंबे समय तक बैठने की आदत को बदलने के लिए कुछ छोटे लेकिन समझदारी भरे कदम उठाने जरूरी हैं
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