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नरेंद्र मोदी और G20 का लोकतांत्रिक चेहरा, PM के इंटरव्यू की 3 अहम बातें

मनीकंट्रोल को दिए इंटरव्यू में मोदी ने कहा, '2014 में मोदी को कोई नहीं जानता था। इसके बावजूद लोगों ने मुझे वोट दिया। 10 साल के बाद लोगों ने हर जगह थोड़ा-थोड़ा मोदी देखा है-चंद्रयान मिशन में, अमेरिका में मेरे हालिया दौरे में। अब लोग मुझे अच्छी तरह से जानते हैं। मुझे इस बात में कोई संदेह नहीं है कि लोग फिर से सही तरीके से चुनाव करेंगे।'

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 06, 2023 पर 4:32 PM
नरेंद्र मोदी और G20 का लोकतांत्रिक चेहरा, PM के इंटरव्यू की 3 अहम बातें
पीएम मोदी का कहना था कि उन्होंने विज्ञान भवन से पॉलिसी संबंधी कोई अहम ऐलान नहीं किया है।

मनीकंट्रोल के राहुल जोशी, संतोष मेनन, कार्तिक सुब्बारमण और जावेद सैयद के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इंटरव्यू में कुछ अहम बातें निकल कर सामने आई हैं। मनीकंट्रोल (Moneycontrol) को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने ग्लोबल समिट से पहले अपनी योजनाओं के बारे में खुलकर बात की। इंटरव्यू से निकली अहम बातों के बारे में यहां विस्तार से जानकारी दी जा रही है:

G20 का लोकतांत्रिकरण: प्रधानमंत्री ने जी-20 (G20) को लोकतांत्रिक स्वरूप दिए जाने की बात कही और यह भी बताया कि भारत ने अलग अंदाज में इस इवेंट का आयोजन किया है। इसके तहत, जी-20 से जुड़ी बैठकों का आयोजन सभी 28 राज्यों और 8 केंद्रशासित प्रदेशों के 60 शहरों में किया गया है। आम तौर पर इस तरह के आयोजन में सिर्फ राष्ट्रीय राजधानी पर फोकस होता है। मोदी ने कहा, 'इससे पहले सत्ता के गलियारों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय आयोजनों में दिल्ली (खास तौर पर विज्ञान भवन) से बाहर सोचने को लेकर कुछ संकोच था। सुविधा या भरोसे की कमी की वजह से शायद ऐसा रहा हो।'

मोदी का कहना था कि उन्होंने विज्ञान भवन से पॉलिसी संबंधी कोई अहम ऐलान नहीं किया है।दरअसल, द्विपक्षीय कूटनीतिक गतिविधियों में भी मोदी सरकार के विकेंद्रीकरण आधारित रवैये की झलक मिलती है। जर्मनी की तत्कालीन चांसलर एजेंला मर्केल की मेजबानी बेंगलुरु में की गई थी। इसके अलावा, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रॉन और तत्कालीन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो एबे ने वाराणसी का दौरा किया था।

बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना शेख हसीना शांतिनिकतेन में आई थीं, जबकि फ्रांस के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद 2016 में चंडीगढ़ पहुंचे थे। प्रधानमंत्री का यह भी कहना था कि दिल्ली से बाहर इन आयोजनों का मामला सिर्फ एनडीए शासित राज्यों तक सीमित नहीं है। उन्होंने कहा, 'मैंने जिन राज्यों का जिक्र यहां किया है, उनमें कई राज्यों में उस वक्त गैर-एनडीए की सरकार थी। यह संघीय ढांचे में हमारे भरोसे का प्रतीक है।'

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