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कॉरपोरेट इंडिया सतर्क नजरिए के साथ इकोनॉमी को लेकर है आशावादी: उदय कोटक

अगर हम महंगाई के दर से तुलना करें तो ब्याज दर के नजरिए से हम मान्य सीमा से बाहर नहीं है। ऐसे में हमारी मौद्रिक नीति विकसित बाजारों की तुलना में अलग होनी चाहिए.

MoneyControl Newsअपडेटेड Apr 01, 2022 पर 1:00 PM
कॉरपोरेट इंडिया सतर्क नजरिए के साथ इकोनॉमी को लेकर है आशावादी: उदय कोटक
अगर हम महंगाई के दर से तुलना करें तो ब्याज दर के नजरिए से हम मान्य सीमा से बाहर नहीं है। ऐसे में हमारी मौद्रिक नीति विकसित बाजारों की तुलना में अलग होनी चाहिए.

31 मार्च CNBC-TV18 के साथ हुई अपनी बातचीत में कोटक महिंद्रा बैंक ( Kotak Mahindra Bank) के सीईओ और मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक (Uday Kotak) ने कहा कि तमाम खट्टी मीठी संभावनाओं के बीच कॉर्पोरेट इंडिया सर्तकता बनाए रखते हुए आशावादी है।

इस बातचीत में उन्होने कहा कि देश की इकोनॉमी बदलाव के अहम दौर में है। कहना का मतलब यह है कि कोविड के बाद इकोनॉमी फिर से खड़ी होती नजर आ रही है। इस स्थिति में रूस और यूक्रेन का युद्ध और इसके चलते कच्चे तेल की कीमतों में अनियंत्रित बढ़त की उम्मीद चिंता बढ़ा रही थी। लेकिन ऐसा कुछ बड़ा हुआ नहीं, हालांकि कच्चे तेल की कीमतें अभी भी 100 डॉलर के ऊपर बनी हुई हैं। उन्होंने कहा कि इन सब के बावजूद भारतीय कंपनियों का मूड अभी भी आशावादी है। हालांकि हम सर्तक नजरिया बनाए हुए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि हम भारतीय इकोनॉमी को लेकर आरबीआई गर्वनर के मजबूत सकारात्मक नजरिए से काफी उत्साहित हैं। जब उनसे पूछा गया कि क्या आरबीआई दरों में बढ़ोतरी कर सकता है तब उन्होंने कहा कि विकसित बाजारों और भारत जैसे देशों के बाजारों के बीच अंतर होना चाहिए। अमेरिका में अभी तक ब्याज दरें जीरो फीसदी के आसपास थी जबकि महंगाई की दर 7.5 फीसदी के आसपास थी।

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