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FPI को एफडीआई के रास्ते निवेश की इजाजत देने के लिए नियमों को आसान बनाएगी सरकार, DEA सेक्रेटरी अजय सेठ ने बताया प्लान

अभी फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (FPI) को किसी कंपनी में 10 फीसदी से कम निवेश करने की इजाजत है। जैसे ही उनका निवेश 10 फीसदी या इससे ज्यादा हो जाता है उन्हें ओपन मार्केट में अपने शेयर बेचने पड़ते हैं। आर्थिक मामलों के विभाग के सचिव अजय सेठ ने कहा कि सरकार एफपीआई को ज्यादा निवेश की इजाजत देने के रास्तों पर विचार कर सकती है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 25, 2024 पर 1:52 PM
FPI को एफडीआई के रास्ते निवेश की इजाजत देने के लिए नियमों को आसान बनाएगी सरकार, DEA सेक्रेटरी अजय सेठ ने बताया प्लान
23 जुलाई को पेश यूनियन बजट में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने FDI के नियमों को आसान बनाने की बात कही थी। इसका मकसद ज्यादा विदेशी निवेश आकर्षित करना है।

सरकार फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर्स (एफपीआई) के लिए नियमों में बदलाव कर सकती है। शेयरों में उनका निवेश 10 फीसदी तक पहुंचने के बाद उन्हें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआ) के रास्त निवेश की इजाजत दी जा सकती है। डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स के सेक्रेटरी अजय सेठ ने इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अभी के नियम के हिसाब से फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टमेंट 10 फीसदी से कम होना चाहिए। इस वजह से जैसे ही किसी एफपीआई का निवेश 10 फीसदी तक पहुंचता है उसे मार्केट में अपने शेयर बेचने पड़ते हैं।

FPI को 10 फीसदी से ज्यादा निवेश का विकल्प मिल सकता है

उन्होंने कहा कि अगर कोई फॉरेन पोर्टफोलियो इनवेस्टर (Foreign Portfolio Investor) कंपनी में बड़ी हिस्सेदारी चाहता है। उसका निवेश 10 फीसीद से ज्यादा हो जाता है और उसकी दिलचस्पी कंपनी में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में है तो उसे इसके लिए सरकार की इजाजत लेनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि हम इसे आसान बनाना चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि शेयरों में FPI निवेश की तय सीमा में ढील जाएगी। किसी एफपीआई को एफडीआई के रास्ते निवेश करने की इजाजत देने के लिए दूसरे आसान रास्ते बनाए जा सकते हैं।

FPI और FDI का मतलब क्या है?

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