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RBI News: अमेरिका के बाद अब भारत में भी सस्ता होगा लोन? इकनॉमिस्ट्स का ये है कैलकुलेशन

RBI News: इस महीने की शुरुआत में अमेरिकी फेड ने बेंचमार्क रेट में 0.50 फीसदी की कटौती की। इसके बाद अभी और कटौती के भी संकेत मिल रहे हैं। अमेरिकी फेड ने बेंचमार्क रेट में कटौती की तो इस बात को लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं कि क्या अब भारत में केंद्रीय बैंक RBI भी ऐसा ही फैसला लेगा या नहीं। जानिए क्या है इकनॉमिस्ट्स का कैलकुलेशन

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Sep 28, 2024 पर 8:02 PM
RBI News: अमेरिका के बाद अब भारत में भी सस्ता होगा लोन? इकनॉमिस्ट्स का ये है कैलकुलेशन
RBI News: अधिकतर इकनॉमिस्ट्स का मानना है कि छह महीने में आरबीआई ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती कर सकता है लेकिन अक्टूबर की बैठक में इसकी उम्मीद नहीं है कि रेपो रेट में कटौती होगी।

RBI News: अमेरिकी फेड ने बेंचमार्क रेट में कटौती की तो इस बात को लेकर अनुमान लगाए जा रहे हैं कि क्या अब भारत में केंद्रीय बैंक RBI भी ऐसा ही फैसला लेगा या नहीं। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने इसे लेकर एक पोल कराया जिसमें अधिकतर इकनॉमिस्ट्स का मानना है कि छह महीने में आरबीआई ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती कर सकता है लेकिन अक्टूबर की बैठक में इसकी उम्मीद नहीं है कि रेपो रेट में कटौती होगी। अधिकतर इकनॉमिस्ट्स का अनुमान है कि दरों में कटौती के लिए दिसंबर तक का इंतजार करना पड़ सकता है। रेपो रेट में कटौती का फायदा सस्ते लोन के रूप में आम लोगों को मिलता है।

क्यों नहीं है RBI से Repo Rate में कटौती की गुंजाइश?

अधिकतर इकनॉमिस्ट्स का कहना है कि अमेरिकी फेडरल ने इस महीने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की लेकिन आरबीआई इस रास्ते पर चलने की जल्दबाजी नहीं करेगा क्योंकि घरेलू इकनॉमी मजबूत है और करेंसी भी स्थिर है। इस कारण 76 में से 63 यानी 80 फीसदी इकनॉमिस्ट्स का मानना है कि आरबीआई रेपो रेट में इस बार यानी अक्टूबर की बैठक में कटौती नहीं करेगा। आरबीआई के मौद्रिक नीतियों के कमेटी की बैठक 7-9 अक्टूबर को है। 12 इकनॉमिस्ट्स ने इसमें 0.25 फीसदी की कटौती का अनुमान लगाया है तो एक का अनुमान रेपो रेट के 6.50 से घटकर 6.15 फीसदी पर आने का अनुमान लगाया है। आरबीआई ने फरवरी 2023 से रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। इसका फोकस फॉरेक्स मार्केट में सीधी दखल के जरिए रुपये को स्थिर बनाए रखने पर है।

एसबीआई के चेयरमैन सीएस शेट्टी पहले ही अनुमान जाहिर कर चुके हैं कि इस बार की बैठक में रेपो रेट में कटौती की संभावना नहीं दिख रही है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास भी पहले कह चुके हैं कि महंगाई दर में कुछ गिरावट से प्रभावित नहीं हो जाना चाहिए। इससे अनुमान लगा गया कि रेपो रेट में कटौती से पहले इकॉनमी को लेकर आरबीआई और भरोसेमंद होना चाहता है।

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