दुनिया भर में एनर्जी की कीमतों में उछाल को लेकर चिंता जताई जा रही है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो वर्षों में वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती के चलते एनर्जी की कीमतें कम होंगी लेकिन ऐतिहासिक औसत से के मुकाबले अधिक बनी रहेंगी। इसके अलावा घरेलू करेंसी के टर्म में कई देशों में कीमतें बढ़ी हुई हो सकती हैं क्योंकि कमजोर करेंसी से फूड और एनर्जी क्राइसिस हो सकता है।