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NEET Exam Update: तमिलनाडु सरकार ने सिंगल विंडो मेडिकल एडमिशन टेस्ट की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती

NEET Exam Update: तमिलनाडु सरकार ने संविधान के आर्टिकल 131 के तहत दायर याचिका में आरोप लगाया है कि नीट जैसी परीक्षाओं के जरिए संविधान के मूल ढांचा का हिस्सा संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन किया जा रहा है, क्योंकि इससे शिक्षा के संबंध में निर्णय लेने की राज्यों की स्वायत्तता छिन जाती है

Curated By: Akhileshअपडेटेड Feb 19, 2023 पर 6:32 PM
NEET Exam Update: तमिलनाडु सरकार ने सिंगल विंडो मेडिकल एडमिशन टेस्ट की वैधता को सुप्रीम कोर्ट में दी चुनौती
 नीट MBBS और BDS जैसे अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली एडमिशन परीक्षा है

NEET Exam Update: तमिलनाडु सरकार ने देश भर के मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल पाठ्यक्रमों में एडमिशन के लिए आयोजित की जाने वाली नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) की वैधता को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि सिंगल विंडो कॉमन टेस्ट ‘संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन’ है।

बता दें कि नीट MBBS और BDS जैसे अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन के लिए और सरकारी एवं निजी मेडिकल कॉलेजों में पोस्ट-ग्रेजुएट कोर्सेज के लिए आयोजित की जाने वाली एडमिशन परीक्षा है।

राज्य सरकार ने संविधान के आर्टिकल 131 के तहत दायर याचिका में आरोप लगाया है कि नीट जैसी परीक्षाओं के जरिए संविधान के मूल ढांचा का हिस्सा संघवाद के सिद्धांत का उल्लंघन किया जा रहा है, क्योंकि इससे शिक्षा के संबंध में निर्णय लेने की राज्यों की स्वायत्तता छिन जाती है।

वकील अमित आनंद तिवारी के जरिए दायर याचिका में कहा गया है कि नीट की वैधता को 2020 में शीर्ष अदालत ने इस आधार पर बरकरार रखा था कि अभ्यर्थियों की फीस देने की क्षमता के आधार पर एडमिशन देना, प्रतिव्यक्ति शुल्क लेना, बड़े पैमाने पर कदाचार, छात्रों का आर्थिक शोषण, मुनाफाखोरी और व्यवसायीकरण जैसी अनुचित गतिविधियों पर रोक लगाना जरूरी है।

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