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Electoral Bonds Scheme in Supreme Court: सात साल में आया चुनावी बॉन्ड्स पर फैसला, चेक करें टाइमलाइन

Electoral Bonds Scheme in Supreme Court: देश की सबसे बड़ी अदालत सु्प्रीम कोर्ट ने आज 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड्स पर सर्जिक स्ट्राइक कर दी। कोर्ट ने इसे अंसवैधानिक कहा है। इसके साथ ही चुनाव आयोग और एसबीआई को भी बड़ा आदेश दिया है। इस बॉन्ड की योजना 2017 में आई थी और 2017 से ही इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है। यहां सात साल में कोर्ट में क्या-क्या हुआ, इसकी डिटेल्स दी जा रही है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Feb 15, 2024 पर 2:08 PM
Electoral Bonds Scheme in Supreme Court: सात साल में आया चुनावी बॉन्ड्स पर फैसला, चेक करें टाइमलाइन
Electoral Bonds Scheme in Supreme Court: चुनावी बॉन्ड पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया और इसे असंवैधानिक घोषित कर दिया।

Electoral Bonds Scheme in Supreme Court: देश की सबसे बड़ी अदालत सु्प्रीम कोर्ट ने आज 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड्स पर रोक लगा दिया। इसे पहली बार नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने वित्त विधेयक के जरिए करीब सात साल पहले वर्ष 2017 में पेश किया था। चुनावी बॉन्ड स्कीम की अधिसूचना को केंद्र सरकार ने 2 जनवरी 2018 को जारी किया था। इसे कैश में चुनावी चंदे के विकल्प के रूप में पेश किया गया था ताकि राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता लाई जा सके। इस बॉन्ड की योजना 2017 में आई थी और 2017 से ही इस मामले में कोर्ट में केस चल रहा है। यहां सात साल में कोर्ट में क्या-क्या हुआ, इसकी डिटेल्स दी जा रही है।

Electoral Bonds Scheme के कोर्ट में पड़ाव

2017: एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) ने इस मामले को 2017 में उठाया था। इसमें भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) और कांग्रेस नेता जया ठाकुर की याचिकाएं भी शामिल थीं। इन याचिकाओं में 2017 के वित्त अधिनियम और 2016 के वित्त अधिनियम में संशोधन की वैधता पर सवाल उठाया गया था।

2019: सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश पारित किया। इस आदेश में कोर्ट ने चुनाव आयोग से राजनीतिक फंडिंग डेटा पर सभी डिटेल्स पेश करने को कहा।

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