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Karwa Chauth 2023: जानिए करवाचौथ का इतिहास, महत्व और शुभ मुहूर्त, कल जरूर बरतें ये सावधानी

Karwa Chauth 2023: करवा चौथ पूरे देश में मनाया जाता है, खासकर पंजाब, हरियाणा, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और राजस्थान सहित भारत के उत्तरी हिस्सों में। जहां करवा का अर्थ है मिट्टी का बर्तन, वहीं चौथ का अर्थ है चौथा दिन। इस त्योहार के दौरान विवाहित महिलाएं आकर्षक डिजाइनों वाले नए मिट्टी के बर्तन खरीदती हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 31, 2023 पर 1:22 PM
Karwa Chauth 2023: जानिए करवाचौथ का इतिहास, महत्व और शुभ मुहूर्त, कल जरूर बरतें ये सावधानी
Karwa Chauth 2023: करवा चौथ का शुभ त्योहार 1 नवंबर को है।

करवा चौथ का शुभ त्योहार 1 नवंबर को है। नॉर्थ इंडिया में इसे करक चतुर्थी या करवा चौथ के नाम से जाना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इस त्योहार के दौरान चंद्रमा निकलने तक निर्जला व्रत रखती है। महिलाएं मिट्टी के बर्तन जिसे करवा कहते हैं, उससे चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही खाना खाती हैं या पानी पीती हैं। जबकि परंपरागत रूप से यह व्रत विवाहित और जल्द ही विवाहित होने वाली महिलाएं रखती है। यहां आपको करवौथ का इतिहास, महत्व, मुहूर्त, व्रत कथा और उत्सव के बारे में बता रहे हैं।

करवा चौथ 2023 तारीख: करवा चौथ शुभ मुहूर्त

करवा चौथ हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह 1 नवंबर बुधवार को है। द्रिक पंचांग के अनुसार करवा चौथ पूजा का मुहूर्त शाम 5:36 बजे से शाम 6:54 बजे तक है। व्रत के समय सुबह 6:33 बजे से शाम 6:15 बजे तक है और चंद्रोदय का समय रात 8:15 बजे है। इस बीच चतुर्थी तिथि 31 अक्टूबर को रात 9:30 बजे शुरू होगी और 1 नवंबर को रात 9:19 बजे समाप्त होगी।

करवा चौथ का इतिहास

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