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'हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा...': पीएम मोदी ने महाकुंभ पर लिखा ब्लॉग, बताया 'युग परिवर्तन की आहट'

Maha Kumbh Mela 2025 News: पीएम मोदी ने लिखा, "मैं जानता हूं, इतना विशाल आयोजन आसान नहीं था। मैं प्रार्थना करता हूं मां गंगा से...मां यमुना से...मां सरस्वती से...हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा...। जनता जनार्दन, जो मेरे लिए ईश्वर का ही स्वरूप है, श्रद्धालुओं की सेवा में भी अगर हमसे कुछ कमी रह गई हो, तो मैं जनता जनार्दन का भी क्षमाप्रार्थी हूं"

Akhilesh Nath Tripathiअपडेटेड Feb 27, 2025 पर 3:05 PM
'हे मां हमारी आराधना में कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा करिएगा...': पीएम मोदी ने महाकुंभ पर लिखा ब्लॉग, बताया 'युग परिवर्तन की आहट'
Maha Kumbh Mela 2025 News: 13 जनवरी से शुरु हुए महाकुंभ मेले में देश विदेश से 66.30 करोड़ श्रद्धालुओं ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई

Maha Kumbh Mela 2025 News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज में समाप्त हुए महाकुंभ को 'युग परिवर्तन की आहट' करार दिया है। साथ ही कहा कि इस आयोजन ने भारत की विकास यात्रा के नए अध्याय का संदेश दिया है। यह संदेश है 'विकसित भारत' का। महाकुंभ के समापन पर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से गुरुवार को शेयर किए गए ब्लॉग में प्रधानमंत्री ने इस भव्य आयोजन को एकता का महाकुंभ बताया। पीएम मोदी ने कहा, "जब एक राष्ट्र की चेतना जागृत होती है, जब वह सैकड़ों साल की गुलामी की मानसिकता के सारे बंधनों को तोड़कर नव चैतन्य के साथ हवा में सांस लेने लगता है, तो ऐसा ही दृश्य उपस्थित होता है, जैसा हमने 13 जनवरी के बाद से प्रयागराज में एकता के महाकुंभ में देखा।"

उन्होंने कहा कि प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान सभी देवी-देवता जुटे, संत-महात्मा जुटे, बाल-वृद्ध जुटे, महिलाएं-युवा जुटे और सभी ने देश की जागृत चेतना का साक्षात्कार किया। उन्होंने कहा, "यह महाकुंभ एकता का महाकुंभ था, जहां 140 करोड़ देशवासियों की आस्था एक साथ, एक समय में, इस एक पर्व से आकर जुड़ गई थी।" पीएम मोदी ने कहा कि प्रयागराज में संपन्न महाकुंभ का यह आयोजन आधुनिक युग के मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स के लिए, प्लानिंग और पॉलिसी एक्सपर्ट्स के लिए नए सिरे से अध्ययन का विषय बना है।

'विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं'

उन्होंने कहा कि आज पूरे विश्व में इस तरह के विराट आयोजन की कोई दूसरी तुलना नहीं है, ऐसा कोई दूसरा उदाहरण भी नहीं है। पीएम ने कहा, "पूरी दुनिया हैरान है कि कैसे एक नदी तट पर, त्रिवेणी संगम पर इतनी बड़ी संख्या में... करोड़ों की संख्या में लोग जुटे। इन करोड़ों लोगों को ना औपचारिक निमंत्रण था, ना ही किस समय पहुंचना है, उसकी कोई पूर्व सूचना थी। बस, लोग महाकुंभ के लिए चल पड़े...और पवित्र संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गए।"

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