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बेकार पड़ी जमीन से लाखों करोड़ रुपये की कमाई की योजना क्या होगी सफल?

इस वर्ष पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि 2021-22 से लेकर 2024-25 के बीच 4 वर्षों में केंद्र सरकार के कोर असेट को मॉनेटाइज करने के जरिए कुल 6 लाख करोड़ रुपये तक जुटाए जा सकते हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 11, 2022 पर 7:31 AM
बेकार पड़ी जमीन से लाखों करोड़ रुपये की कमाई की योजना क्या होगी सफल?
NLMC कैसे काम करेगा, इसकी एक झलक रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) के कामकाज से मिल सकती है

भुवन भास्कर

बुधवार को नरेंद्र मोदी सरकार ने सरकारी परिसंपत्तियों के विनिवेश के बारे में एक ऐतिहासिक फैसला किया। कैबिनेट ने नेशनल लैंड मॉनेटाइजेशन कॉरपोरेशन (NLMC) नाम से एक कंपनी के गठन को मंजूरी दे दी, जो पूरी तरह से भारत सरकार के अधीन होगी। इसके साथ ही मोदी सरकार ने विनिवेश के क्षेत्र में उस प्रक्रिया के चक्र को पूरा घुमा दिया, जो अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने 10 दिसंबर 1999 को शुरू किया था। उस दिन पहली बार विनिवेश विभाग को वित्त मंत्रालय के अंदर एक स्वतंत्र विभाग के रूप में स्थापित किया गया।

बाद में 2001 में अटल सरकार ने विनिवेश को एक अलग मंत्रालय के रूप में गठित किया। लेकिन 2004 में मनमोहन सिंह सरकार के आने के बाद एक बार फिर विनिवेश मंत्रालय को बंद कर दिया गया और इसे वापस वित्त मंत्रालय के तहत एक विभाग बना दिया गया। तब से यह एक विभाग ही है, हालांकि 14 अप्रैल 2016 को मोदी सरकार ने इसका नाम बदल कर निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दिपम) कर दिया।

क्या है फायदा?

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