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BJP की इन 5 वजहों से कर्नाटक विधानसभा चुनावों में हुई बड़ी हार

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता डीके शिवकुमार और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मिलकर चुनाव अभियान का नेतृत्व किया। उनकी एकजुटता ने कांग्रेस को बड़ी ताकत बना दी। उधर, भाजपा के पास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा दूसरा कोई चेहर नहीं था

MoneyControl Newsअपडेटेड May 13, 2023 पर 4:50 PM
BJP की इन 5 वजहों से कर्नाटक विधानसभा चुनावों में हुई बड़ी हार
भाजपा की कर्नाटक सरकार पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोपों से पार्टी को बहुत नुकसान हुआ। राज्य सरकार और इसके मंत्रियों के पास लोगों को अपनी उपलब्धियों के बारे में बताने के लिए कुछ भी नहीं था।

कांग्रेस (Congress) ने कर्नाटक जीत लिया है। वह अपने दम पर राज्य में सरकार बनाएगी। विधायकों के पाला बदलने, उनकी खरीदफरोख्त की कोशिशें और सरकार गिरने और नई सरकार बनने से कर्नाटक को कम से कम पांच साल के लिए छुटकारा मिल गया है। भाजपा को अपनी गलितयों की कीमत चुकानी पड़ी है। जनता दल एस को इस बार कम सीटें मिली हैं। कांग्रेस को ज्यादा सीटें मिलने से जनता दल एस के लिए मोलभाव करने का मौका खत्म हो गया है। दक्षिण भारत में कर्नाटक इकलौता राज्य था, जहां BJP सत्ता में थी। ऐसा लगता है कि निम्नलिखित 5 वजहों से BJP की कर्नाटक में करारी हार हुई।

पूरे राज्य में पैठ का अभाव

BJP ने भले ही कर्नाटक में सरकार बनाई थी, लेकिन अब भी पूरे राज्य में पार्टी पैठ नहीं बना सकी है। इसके उलट कांग्रेस की मौजूदगी राज्य के हर जिले में है। सिर्फ 2-5 फीसदी वोट बढ़ने से कांग्रेस को भाजपा को हराना काफी आसान हो गया। यही वजह है कि जहां भाजपा को चुनाव प्रचार के लिए अपने सबसे बड़े चेहरे का इस्तेमाल करने पर मजबूर होना पड़ा, जबकि कांग्रेस में राज्य स्तर के नेताओं ने पार्टी का प्रचार करने की जिम्मेदारी संभाली।

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