Byju's News: बोर्ड सदस्यों और ऑडिटर के इस्तीफे के चलते दिग्गज एडुटेक कंपनी बायजूज (Byju's) दिक्कतों से जूझ रही है। इस माहौल में एंप्लॉयीज के भरोसे को कायम रखने और पूरी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कंपनी के को-फाउंडर और सीईओ बायजू रवींद्रन ने हाल ही में एक टाउनहाल मीटिंग की थी। इस बैठक के बाद बायजूज की को-फाउंडर दिव्या गोकुलनाथ को एंप्लॉयीज ने ढेर सारे मैसेज भेजे। एक एंप्लॉयी ने मैसेज भेजा कि टाउनहाल के बाद फिर से आत्मविश्वास मिला है और वे इतनी दूर तक सिर्फ यहीं तक आने के लिए नहीं आए थे। इन सभी मैसेजज को दिव्या ने अपने इंस्टाग्राम पर स्टोरी के रूप में पोस्ट किया है। इसमें उन्होंने टाउनहाल की सफलता और कंपनी के भीतर के पॉजिटिव माहौल को दिखाया है।
Byju's के एंप्लॉयीज का क्या है रिस्पांस
एक टीम मेंबर ने लिखा कि जो भी शंकाएं थीं, टाउनहाल के बाद वह सब दूर हो गई, इसमें इतने स्पष्ट तरीके से हर मसले पर बात रखी गई। टीम मेंबर ने आगे लिखा कि चुनौतियां तो हैं लेकिन हम सभी उनमें से हर एक का समाधान करने और उस पर काबू पाने के लिए एकजुट रहेंगे। हम यहां इतनी दूर तक सिर्फ यहीं तक आने के लिए आए हैं। एंप्लॉयीज ने कुछ मैसेज में इस बात को लेकर खुशी जताई कि रवींद्रन ने खुद आकर उनकी कई आशंकाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट की। एक मैसेज में नेतृत्व को लेकर अटूट समर्थन दिखा। एंप्लॉयीज यह मान रहे हैं कि आरोप हैं, इस्तीफे हो रहे हैं और नकारात्मकता भी है, लेकिन उनका कहना है कि कंपनी का ध्यान लगातार आगे बढ़ने, शिक्षा और एडुटेक पर बना रहेगा।
एक मैसेज में एंप्लॉयी ने आगे आने वाली चुनौतियों को स्वीकार किया है लेकिन उससे निपटने और दूर करने के लिए मिलकर काम करने पर जोर दिया है। मनीकंट्रोल ने पहले ही जानकारी दी थी कि टाउनहाल मीटिंग के दौरान एंप्लॉयीज को अपने सवालों को सबमिट करने का मौका मिला था, लेकिन उन्हें इनके तत्कालीन जवाब नहीं मिले थे। इस वजह से छंटनी, हाइक, इनसेंटिव और पीएफ पेमेंट्स को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है।
टाउनहाल में क्या कहा एंप्लॉयीज को आश्वस्त किया फाउंडर ने
बायजू रवींद्रन ने टाउनहाल में एंप्लॉयीज को आश्वस्त किया कि कंपनी फिर से मजबूत होगी। उन्होंने बायजूज के कठिन समय की बात को स्वीकार किया लेकिन यह भी कहा कि एडुटेक सेक्टर स्थायी है और इसमें कंपनी की स्थिति काफी मजबूत है। बोर्ड सदस्यों और ऑडिटर डेलॉएट (Deloitte) के इस्तीफे पर रवींद्रन ने सफाई दी कि ऑडिटर और बोर्ड सदस्यों के इस्तीफों का आपस में कोई संबंध नहीं है। उन्होंने बोर्ड के सदस्यों को उनके समर्थन और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया और डेलॉइट को लेकर कहा कि यह इस्तीफा आपसी निर्णय था और कंपनी ने पहले ही ऑडिटर बदलने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी।
इसके अलावा उन्होंने टर्म लोन बी के लेंडर्स के साथ मसले पर भी कहा कि इस पर पॉजिटिव बातचीत हो रही है और कुछ हफ्तों में इस पर महत्वपूर्ण प्रगति की उम्मीद है। 29 जून को एंप्लॉयीज को भेजे गए एक ईमेल में रवीन्द्रन ने लिखा कि “यह कंपनी सिर्फ मेरा काम नहीं है; यह मेरी जिंदगी है। 18 वर्षों से, मैंने प्रतिदिन 18 घंटे से अधिक समय बायजूज को दिया है, इस मिशन में अपना दिल और आत्मा लगा दी है और मैं इसे कम से कम 30 वर्षों तक और करना चाहता हूँ।”