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Chhattisgarh: सुकमा जिले में नक्सल प्रभावित 7 गांवों में पहली बार पहुंची बिजली, सालों से अंधेरे में रह रहा था 342 परिवार

Chhattisgarh: जिलाधिकारी ने बताया कि सात गांवों में बिजली आने से लगभग 342 परिवारों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अन्य गांवों में भी जल्द बिजली पहुंचाई जाएगी। सुकमा बस्तर संभाग के सात जिलों में से एक है। यह राजधानी रायपुर से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि क्षेत्र में छह पुलिस शिविर स्थापित करने से यहां विकास में मदद मिली है

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 22, 2023 पर 6:07 PM
Chhattisgarh: सुकमा जिले में नक्सल प्रभावित 7 गांवों में पहली बार पहुंची बिजली, सालों से अंधेरे में रह रहा था 342 परिवार
Chhattisgarh: इन गांवों में 1990 के दशक के अंत तक बिजली थी

छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के नक्सल प्रभावित सुकमा जिले में नक्सली घटनाओं के कारण पिछले 25 वर्षों से अंधेरे में डूबे 7 गांवों को पावर ग्रिड से बिजली मिली, जिसके बाद इन गांवों के 342 परिवारों ने जमकर खुशियां मनाईं। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि इन गांवों को वामपंथी उग्रवाद का खामियाजा भुगतना पड़ा था। 1990 के दशक के अंत में नक्सलियों ने इन गांवों में लगे बिजली के खंभों और बुनियादी ढांचे को क्षतिग्रस्त कर दिया था जिससे स्थानीय लोग बिजली आपूर्ति से वंचित हो गए थे। उन्होंने बताया कि कुछ घरों में एक बल्ब जलाने और पंखा चलाने के लिए सौर ऊर्जा के माध्यम से बिजली की आपूर्ति की जाती थी। लेकिन उसके रखरखाव के कारण परेशानी भी होती थी।

सुकमा जिले के कलेक्टर हारिस एस ने पीटीआई को बताया कि सरकार और प्रशासन जनता, विशेषकर अंतिम व्यक्ति तक राशन, बिजली आपूर्ति, पानी आपूर्ति आदि जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। कलेक्टर ने बताया कि इस क्षेत्र के सात गांवों डब्बाकोंटा, पिड़मेल, एकलगुडा, दुरामांगु, तुमबांगु, सिंगनपाड और डोकपाड में इस सप्ताह बिजली की आपूर्ति की गई।

सालों से अंधेरे में रहा था 342 परिवार

जिलाधिकारी ने बताया कि सात गांवों में बिजली आने से लगभग 342 परिवारों को लाभ हुआ है। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अन्य गांवों में भी जल्द बिजली पहुंचाई जाएगी। सुकमा बस्तर संभाग के सात जिलों में से एक है। यह राजधानी रायपुर से लगभग 400 किलोमीटर दूर है। बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज पी ने बताया कि क्षेत्र में छह पुलिस शिविर स्थापित करने से यहां विकास में मदद मिली है। साथ ही कल्याणकारी योजनाओं का लाभ दूरदराज के क्षेत्रों में लोगों तक पहुंचा है।

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