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India-Canada Row: 'साबित होने तक आरोप राजनीतिक ही रहेंगे', पूर्व RAW प्रमुखों ने बताई भारत-कनाडा के रिश्तों में जारी तनाव की इनसाइड स्टोरी

India-Canada Row: खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्‍या के बाद भारत और कनाडा के रिश्‍तों में अचानक तनाव आ गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को खालिस्तानी समर्थक नेता निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की 'संभावित' संलिप्तता का आरोप लगाया है जिससे कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था

Akhileshअपडेटेड Sep 28, 2023 पर 4:29 PM
India-Canada Row: 'साबित होने तक आरोप राजनीतिक ही रहेंगे', पूर्व RAW प्रमुखों ने बताई भारत-कनाडा के रिश्तों में जारी तनाव की इनसाइड स्टोरी
Hardeep Singh Nijjar को एक सिख सांस्कृतिक केंद्र के बाहर 18 जून को गोली मार दी गई थी

India-Canada Row: खालिस्‍तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर (Hardeep Singh Nijjar) की हत्‍या के बाद भारत और कनाडा के रिश्‍तों में अचानक तनाव आ गया है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने 18 जून को खालिस्तानी समर्थक नेता निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट की 'संभावित' संलिप्तता का आरोप लगाया है जिससे कनाडा और भारत के बीच कूटनीतिक विवाद शुरू हो गया है। भारत ने 2020 में निज्जर को आतंकवादी घोषित किया था। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को 'बेतुका' और 'राजनीति से प्रेरित' कहकर आक्रामक रूप से खारिज कर दिया था। इस मामले में कनाडा द्वारा एक भारतीय अधिकारी को निष्कासित किए जाने के बदले में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित कर दिया। 45 वर्षीय निज्जर प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (KTF) का नेता था।

पूर्व RAW प्रमुखों की राय

भारत और कनाडा के संबंधों में गिरावट को लेकर News18 ने दो पूर्व रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RA&W) प्रमुखों और अन्य IPS अधिकारियों से बात की। उन्होंने कहा कि राजनीतिक विवाद को लेकर राजनयिकों को हटाना काफी आम बात है। लेकिन अगर किसी विदेशी देश के पास अधिकारी के खिलाफ आरोप को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं, तो संबंधित सरकार हमेशा उस राजनयिक के गृह देश से उसको दी गई छूट वापस लेने के लिए कहती है।

पूर्व सीनियर अधिकारियों का कहना है कि सिद्ध होने तक ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोप राजनीतिक ही रहेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि कोई देश किसी राजनयिक को कई कारणों से निष्कासित कर सकता है, जिसमें कनाडाई सरकार द्वारा लगाए गए आरोप भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन जब तक सबूतों के साथ आरोपों की पुष्टि नहीं हो जाती, उन्हें हमेशा "राजनीतिक आरोप" ही माना जाता है न कि "राजनयिक संकट...।"

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