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Joshimath Landslide: क्यों डूब रहा है उत्तराखंड का पवित्र शहर जोशीमठ? पहाड़ी शहर में 1976 से बज रही खतरे की घंटी, जानें वजह

Joshimath Landslide: बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब और अंतरराष्ट्रीय स्कीइंग स्थल औली जैसे प्रसिद्ध स्थलों का प्रवेश द्वार जोशीमठ आपदा के कगार पर खड़ा है। आदि गुरु शंकराचार्य की तपोभूमि के रूप में जाना जाने वाला जोशीमठ धीरे-धीरे दरक रहा है। इसके घरों, सड़कों तथा खेतों में बड़ी-बड़ी दरारें आ रही हैं तथा कई मकान धंस गए हैं

Akhileshअपडेटेड Jan 07, 2023 पर 6:53 PM
Joshimath Landslide: क्यों डूब रहा है उत्तराखंड का पवित्र शहर जोशीमठ? पहाड़ी शहर में 1976 से बज रही खतरे की घंटी, जानें वजह
Joshimath Landslide: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया

Joshimath Landslide Updates: उत्तराखंड (Uttarakhand) के पवित्र शहर जोशीमठ (Joshimath) में जमीन धंसने से 561 घरों में दरारें आ चुकी हैं। "धीरे-धीरे डूबते शहर" को लेकर स्थानीय लोगों में भय बना हुआ है। उत्तराखंड सरकार ने भयभीत निवासियों के विरोध-प्रदर्शन को देखते हुए 5 जनवरी को क्षेत्र में विकास कार्य पर रोक लगा दी। जोशीमठ की जांच के आधार पर गांधी नगर में 127, मारवाड़ी में 28, लोअर बाजार नृसिंह मंदिर में 24, सिंहधार में 52, मनोहर बाग में 69, अपर बाजार डाडों में 29, सुनील में 27, परसारी में 50, रविग्राम में 153 सहित कुल 561 भवनों में दरारें आई हैं। उत्तराखंड के चमोली जिले में स्थित जोशीमठ 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है।

सीएम ने किया दौरा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami) ने जमीनी स्तर पर स्थिति का जायजा लेने के लिए शनिवार को जोशीमठ का दौरा किया। अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने प्रभावित लोगों से भेंट की तथा उन्हें सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन अधिकारियों एवं विशेषज्ञों के दल से भी मुलाकात की जो गुरुवार से ही इस शहर में स्थिति की निगरानी कर रहा है। अधिकारियों ने बताया कि धामी ने लोगों को जोशीमठ से सुरक्षित निकालने की प्रक्रिया के बारे में भी उनसे बात की।

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