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Layoff News: Unacademy के एंप्लॉयीज की बढ़ी दिक्कतें, पांच महीने में दूसरी बार छंटनी का फैसला

Layoff News: 550 करोड़ डॉलर की कंपनी Unacademy प्रतियोगी परीक्षाओं, भाषा और प्रोग्रामिंग सहित कई विषयों के कोर्सेज पेश करती है। इसने सॉफ्टबैंक (Softbank), फेसबुक (Facebook) और सिकोइया कैपिटल (Sequoia Capital) जैसे दिग्गज निवेशकों से फंडिंग में 44 करोड़ डॉलर (3618.36 करोड़ रुपये) से अधिक जुटाए हैं। हालांकि अब अनएकेडमी में एक साल के भीतर दूसरी बार छंटनी हो रही है तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है एडुटेक कंपनियां दिक्कतों से जूझ रही है

Edited By: Moneycontrol Newsअपडेटेड Mar 30, 2023 पर 10:50 AM
Layoff News: Unacademy के एंप्लॉयीज की बढ़ी दिक्कतें, पांच महीने में दूसरी बार छंटनी का फैसला
Unacademy 550 करोड़ डॉलर (45.2 हजार करोड़ रुपये) की कंपनी है और यह देश की दिग्गज एडुटेक कंपनियों में शुमार है। यह प्रतियोगी परीक्षाओं, भाषा और प्रोग्रामिंग सहित कई विषयों के कोर्सेज पेश करती है।

Layoff News: छंटनी का साया गहराता जा रहा है। अब इसकी मार ऑनलाइन लर्निंग प्लेटफॉर्म अनएकेडमी (Unacademy) के एंप्लॉयीज पर दोबारा पड़ी है। एक साल से भी कम समय में इसने एक बार फिर छंटनी का फैसला किया है। इस बार अनएकेडमी में 12 फीसदी एंप्लॉयीज को निकाला जा रहा। इसके सीईओ गौरव मुंजाल ने एंप्लॉयीज को जो लेटर भेजा है, उससे इसका खुलासा हुआ है। इससे पहले अनएकेडमी ने पिछले साल नवंबर 2022 में भी 350 एंप्लॉयीज की छंटनी की थी जो इसके वर्कफोर्स का करीब 10 फीसदी था। अनएकेडमी के सीईओ और को-फाउंडर गौरव मुंजाल के मुताबिक यह फैसला लेना कठिन था लेकिन जरूरी भी था।

Unacademy में इस कारण हो रही छंटनी

अनएकेडमी के सीईओ ने लेटर में लिखा है कि कंपनी ने मुनाफे के लिए हर कदम सही उठाया लेकिन फिर भी यह पर्याप्त नहीं है। उन्होंने वैश्विक अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को छंटनी का जिम्मेदारी ठहराया। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और फंडिंग की दिक्कतें हैं। उन्होंने आगे लिखा कि दो साल पहले के मुकाबले अब परिस्थितियां बदल गई हैं। उस समय ऑनलाइन लर्निंग तेजी से बढ़ रही थी तो कंपनी तेजी से आगे बढ़ी लेकिन अब कारोबार को मुनाफे में चलाना अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।

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मुनाफे को लेकर अनएकेडमी ने पिछले साल नवंबर में छंटनी की थी और अब फिर इसका फैसला लिया गया है। हालांकि सीईओ गौरव के मुताबिक उन्हें भी इसका अंदाजा नहीं था कि एक बार फिर छंटनी करनी पड़ेगी। अनएकेडमी के सीईओ के मुताबिक इन बदलावों को स्वीकार करना होगा और ऐसे काम करना होगा ताकि यूजर्स और शेयरहोल्डर्स के लिए वैल्यू तैयार कर सकें।

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