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Promise Day 2024: क्या होता है Pinky Promise? इस ट्रेंड से जुड़ी है हैरतअंगेज कहानी

Promise Day 2024: वादा करने का सबसे कॉमन और पॉपुलर तरीका क्या है? झटपट से किसी को भी पिंकी प्रोमिस बोल दो यानि एक तरह से उसे ये आश्वासन मिल जाएगा कि आप ये वादा कभी नहीं तोड़ेंगे। वैसे पिंकी प्रोमिस जापान के एक रेड लाइट एरिया की देन है जानिए इसके पीछे की कहानी-

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 11, 2024 पर 7:30 AM
Promise Day 2024: क्या होता है Pinky Promise? इस ट्रेंड से जुड़ी है हैरतअंगेज कहानी
किसी से भी पिंकी प्रोमिस करके कभी ना तोड़ें जानिए पिंकी प्रोमिस की कहानी

Promise Day 2024: वादा करो नहीं छोड़ोगे तुम मेरा साथ, जहां तुम हो वहां मैं भी हूं’, ‘वादा कर ले साजना तेरे बिना मैं ना रहूं मेरे बिना तू ना रहे होकर जुदा, ये वादा रहा, ‘वादा रहा प्यार से प्यार का, अब हम ना होंगे जुदा।’ ये गाने आज आपके मन में भी लूप की तरह बज रहे होंगे। वैसे प्रोमिस जिसे वादा, प्रतिज्ञा, वचन और ना जाने किन किन नामों से जाना जाता है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सबमें पॉपुलर है। जब भी किसी को खुद पर भरोसा दिलाना हो कि वो वादा खिलाफी नहीं करेगा तो ऐसे में पिंकी प्रोमिस कहने का ट्रेंड है। अगर आप पिंकी प्रोमिस के पीछे की असल कहानी जान लेंगे तो आपकी फेयरीटेल वाली लाइफ में भूचाल आ जाएगा।

Pinky Promise कहां से आया

जापान की Folklore डिक्शनरी को Ajio Fukuta नाम के लेखक ने लिखा है। उनके इस शब्दकोश के मुताबिक Pinky Promise की उत्पत्ति Edo युग (1603-1867) के बीच में हुई। जापान में पिंकी प्रोमिस को yubikiri genman कहा जाता है, हिंदी में जिसकी सीधा मतलब उंगली काट देना है। जापान में पिंकी प्रोमिस से जुड़ी कहानी ही काफी अनोखी है।

वादा करने के लिए एक वेश्या ने अपनाया तरीका

पिंकी प्रोमिस की शुरुआत सबसे पहले टोक्यो के प्रसिद्ध रेड लाइट एरिया योशिवारा से हुई थी। उस जगह एक वेश्या रहती थी जो अपने ग्राहकों के प्रति कमिटमेंट दिखाने के लिए अपनी छोटी उंगली को काट देने का हवाला देती थी। जब ये बात आम जनता तक पहुंची तो इसका मतलब ही बदल गया। लोग अपने प्यार का यकीन दिलाने के लिए पिंकी प्रोमिस कहने लगे। वैसे इसका जिक्र और कहीं नहीं मिल पाया है।

जापान में वादे के लिए एक कविता

जापान में पिंकी प्रोमिस से जुड़ी एक छोटी सी कविता भी है। 'युबिकिरी जेनमैन अगर तुमने झूठ कहा तो तुम 1000 सुइयां निगलोगे और अपनी उंगली भी कटवाओगे।' जापानी बच्चों में कई लोक कथाओं के साथ ये कविता भी बच्चों को सुनाई जाती है।

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