खूंटी-चाईबासा रोड पर स्थित एक अनोखा ढाबा महिलाओं के सशक्तिकरण की मिसाल बन गया है। इस ढाबे में हर जिम्मेदारी, चाहे वह खाना बनाना हो, परोसना हो या सफाई करना, सबकुछ महिलाएं संभालती हैं। यहां पुरुषों को नौकरी नहीं दी जाती। ढाबे के मालिक कपिल का कहना है कि उन्होंने यह पहल महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शुरू की। मैनेजर शालिनी से लेकर बावर्ची मीना तक, सभी महिलाएं यहां आत्मविश्वास के साथ काम करती हैं। यहां काम करने वाली महिलाओं को 12,000 से 20,000 रुपये तक की सैलरी मिलती है।