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Tata Capital IPO: ₹17200 करोड़ के मेगा इश्यू में अब नहीं होगी और देर, SEBI ने कॉन्फिडेंशियल ड्राफ्ट को दी मंजूरी

Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल एक NBFC है और टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस की सब्सिडियरी है। टाटा संस के पास टाटा कैपिटल में 92.83 प्रतिशत हिस्सेदारी है। वित्त वर्ष 2025 की पहली छमाही यानि अप्रैल-सितंबर में टाटा कैपिटल का मुनाफा सालाना आधार पर 21 प्रतिशत बढ़कर 1,825 करोड़ रुपये पर पहुंच गया

Edited By: Ritika Singhअपडेटेड Jun 22, 2025 पर 11:51 AM
Tata Capital IPO: ₹17200 करोड़ के मेगा इश्यू में अब नहीं होगी और देर, SEBI ने कॉन्फिडेंशियल ड्राफ्ट को दी मंजूरी
Tata Capital ने इस साल अप्रैल में IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर्स कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के माध्यम से जमा किए थे।

Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की कंपनी टाटा कैपिटल का पब्लिक इश्यू अब जल्द ही लॉन्च हो सकता है। इसकी वजह है कि कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी ने टाटा कैपिटल की ओर से जमा किए गए कॉन्फिडेंशियल ड्राफ्ट को मंजूरी दे दी है। यह बात इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में कही गई है। कंपनी अपने IPO की मदद से 17,200 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है। अब हो सकता है कि यह जुलाई महीने में रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (RHP) जमा कर दे। लेकिन उससे पहले एक अपडेटेड ड्राफ्ट पब्लिक होगा।

Tata Capital ने इस साल अप्रैल में IPO के लिए ड्राफ्ट पेपर्स कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट के माध्यम से जमा किए थे। कंपनी ने ड्राफ्ट को कैपिटल मार्केट रेगुलेटर SEBI के साथ-साथ BSE और NSE को भी जमा किया है। कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग रूट कंपनियों को लिस्टिंग पर अंतिम फैसले पर पहुंचने तक गोपनीयता की सुविधा देता है। अगर जरूरी हो तो वे बाद में बाजार की स्थितियों के आधार पर महत्वपूर्ण जानकारी का खुलासा किए बिना ड्राफ्ट को वापस भी ले सकती हैं।

कॉन्फिडेंशियल प्री-फाइलिंग, कंपनियों को सेंसिटिव बिजनेस डिटेल्स या फाइनेंशियल मेट्रिक्स और रिस्क्स को गोपनीय रखने की इजाजत देती है, खासकर कॉम्पिटीटर्स से। दूसरी ओर स्टैंडर्ड DRHP (ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस) फाइलिंग के बाद एक पब्लिक डॉक्युमेंट बन जाता है।

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