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Tata Capital IPO: एक महीने में खुल जाएगा ₹17000 करोड़ का आईपीओ, टाटा की एक और कंपनी के लिस्टिंग की तैयारी

Tata Capital IPO: टाटा ग्रुप की एक और कंपनी लिस्टिंग की तैयारी में है। इसकी एनबीएफसी को तो इसी महीने लिस्ट हो जाना था लेकिन आरबीआई की मंजूरी के साथ अब कंपनी अक्टूबर के पहले हफ्ते में आईपीओ लाने वाली है। खास बात ये है कि इसका आईपीओ अब वैल्यूएशन में तेज छलांग के साथ आ रहा है। चेक करें इसके आईपीओ से जुड़ी पूरी डिटेल्स और कंपनी की कारोबारी सेहत

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Sep 12, 2025 पर 7:51 AM
Tata Capital IPO: एक महीने में खुल जाएगा ₹17000 करोड़ का आईपीओ, टाटा की एक और कंपनी के लिस्टिंग की तैयारी
Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल का करीब $200 करोड़ यानी ₹17 हजार करोड़ से अधिक का आईपीओ अगले महीने अक्टूबर के पहले हफ्ते में खुल सकता है।

Tata Capital IPO: टाटा कैपिटल के आईपीओ का इंतजार अब खत्म होने वाला है। न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक इसका करीब $200 करोड़ यानी ₹17 हजार करोड़ से अधिक का आईपीओ अगले महीने अक्टूबर के पहले हफ्ते में खुल सकता है। पहले टाटा की इस नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (NBFC) को घरेलू स्टॉक मार्केट में 30 सितंबर तक लिस्ट हो जाना था, लेकिन फिर केंद्रीय बैंक RBI से इसे और समय मिल गया। अब कंपनी का आईपीओ अक्टूबर के पहले हफ्ते में आ सकता है। कंपनी की योजना $18000 करोड़ के वैल्यूएशन पर आईपीओ के जरिए $200 करोड़ जुटाने की है। यह इसके वैल्यूएशन में जोरदार उछाल है क्योंकि अप्रैल महीने में जब कंपनी ने आईपीओ का ड्राफ्ट गोपनीय तरीके से फाइल किया था, तो वैल्यूएशन $11 हजार करोड़ ही तय था।

Tata Capital IPO: RBI से क्यों मिला अधिक समय?

टाटा कैपिटल को 30 सितंबर तक घरेलू स्टॉक मार्केट में लिस्ट होना था। हालांकि सूत्रों के मुताबिक प्रोसेसिंग वजहों से आरबीआई ने टाइमलाइन बढ़ाने को मंजूरी दे दी। बाजार के जानकारों का मानना है कि बड़े आईपीओ को आमतौर पर इस तरह के विस्तार मिल जाते हैं जैसे कि एनएसडीएल (NSDL) के ₹4000 करोड़ के आईपीओ को भी बाजार नियामक सेबी (SEBI) आईपीओ लाने के लिए चार महीने का समय और मिल गया था।

टाटा कैपिटल को इसलिए सितंबर तक लिस्ट हो जाना था क्योंकि इसे अपर-लेयर एनबीएफसी की कैटेगरी में सितंबर 2022 में रखा गया था और आरबीआई के नियमों के मुताबिक इस कैटेगरी में आने के तीन साल के भीतर कंपनियों को लिस्ट करना अनिवार्य है।

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