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Sharvaya Metals IPO Listing: लिस्ट होते ही लोअर सर्किट, ₹196 के शेयरों की ₹219 पर एंट्री के बाद झटका

Sharvaya Metals IPO Listing: शर्वया मेटल्स एलुमिनियम के प्रोडक्ट्स बनाती है। यह एलॉयड इनगॉट्स, बिलेट्स, स्लैब्स, शीट्स, और इलेक्ट्रिक वेईकल बैट्री एनक्लोजर्स बनाती है और इन्हें निर्यात भी करती है। अब इसके शेयर लिस्ट हुए हैं। इसके आईपीओ के तहत नए शेयर जारी हुए हैं और ऑफर फॉर सेल के तहत भी शेयरों की बिक्री हुई है। चेक करें कंपनी की कारोबारी सेहत कैसी है और आईपीओ के जरिए जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल कंपनी कैसे करेगी?

Edited By: Jeevan Deep Vishawakarmaअपडेटेड Sep 12, 2025 पर 3:37 PM
Sharvaya Metals IPO Listing: लिस्ट होते ही लोअर सर्किट, ₹196 के शेयरों की ₹219 पर एंट्री के बाद झटका
Sharvaya Metals IPO Listing: शर्वया मेटल्स का ₹58.80 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 4-9 सितंबर तक खुला था। आज इसके शेयरों की लिस्टिंग हुई है।

Sharvaya Metals IPO Listing: एलुमिनियम के प्रोडक्ट्स बनाने वाली शर्वया मेटल्स के शेयरों की आज BSE के SME प्लेटफॉर्म पर धांसू एंट्री हुई। इसके आईपीओ को ओवरऑल 4 गुना से अधिक बोली मिली थी। आईपीओ के तहत ₹196 के भाव पर शेयर जारी हुए हैं। आज BSE SME पर इसकी ₹219.00 पर एंट्री हुई है यानी कि आईपीओ निवेशकों को 11.73 % का लिस्टिंग गेन (Sharvaya Metals Listing Gain) मिला। हालांकि आईपीओ निवेशकों की खुशी थोड़ी ही देर में फीकी हो गई जब शेयर टूट गए। टूटकर यह ₹208.05 (Sharvaya Metals Share Price) के लोअर सर्किट पर आ गया और इसी पर बंद हुआ यानी कि पहले कारोबारी दिन की समाप्ति पर आईपीओ निवेशक 6.15% मुनाफे में हैं।

Sharvaya Metals IPO के पैसे कैसे होंगे खर्च

शर्वया मेटल्स का ₹58.80 करोड़ का आईपीओ सब्सक्रिप्शन के लिए 4-9 सितंबर तक खुला था। इस आईपीओ को निवेशकों का अच्छा रिस्पांस मिला था और ओवरऑल यह 4.83 गुना सब्सक्राइब हुआ था। इसमें क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIB) के लिए आरक्षित हिस्सा 1.28 गुना (एक्स-एंकर), नॉन-इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (NII) का हिस्सा 6.09 गुना और खुदरा निवेशकों का हिस्सा 6.31 गुना भरा था। इस आईपीओ के तहत ₹49 करोड़ के नए शेयर जारी हुए हैं। इसके अलावा ₹10 की फेस वैल्यू वाले 5 लाख शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के तहत बिके हैं।

ऑफर फॉर सेल का पैसा तो शेयर बेचने वाले शेयरहोल्डर्स को मिला है। वहीं नए शेयरों के जरिए जुटाए गए पैसों में से ₹5.17 करोड़ सिविल कंस्ट्रक्शन और इलेक्ट्रिफिकेशन, ₹20.40 करोड़ प्लांट और मशीनरी की खरीदारी, ₹9.00 करोड़ वर्किंग कैपिटल की जरूरतों और बाकी पैसे आम कॉरपोरेट उद्देश्यों पर खर्च होंगे।

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