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Bharat Ratna 2024: दो पूर्व प्रधानमंत्री और एक कृषि वैज्ञानिक को भारत रत्न दिए जाने के पीछे क्या है PM मोदी का मैसेज?

Bharat Ratna 2024: आने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के नजरिए से देखा जाए, तो PM मोदी और बीजेपी ने आखिर कैसे इस फैसले के जरिए मतदाताओं को साधने की कोशिश की। इस फैसले के पीछे के उन तीन पहलुओं को जान लेते हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाकई 'राजनीति का चाणक्य' कहने को मजबूर करते हैं

Shubham Sharmaअपडेटेड Feb 09, 2024 पर 4:14 PM
Bharat Ratna 2024: दो पूर्व प्रधानमंत्री और एक कृषि वैज्ञानिक को भारत रत्न दिए जाने के पीछे क्या है PM मोदी का मैसेज?
Bharat Ratna 2024: दो पूर्व प्रधानमंत्री और एक कृषि वैज्ञानिक को भारत रत्न दिए जाने के पीछे क्या है PM मोदी का मैसेज?

Bharat Ratna 2024: जैसे ही पूर्व प्रधान मंत्री चौधरी चरण सिंह (Chaudhary Charan Singh), पीवी नरसिम्हा राव (PV Narsimha Rao) और प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक एमएस स्वामीनाथन (MS Swaminathan) को मरणोपरांत भारत रत्न (Bharat Ratna) दिए जाने की घोषणा की गई, मेरे एक साथी ने मुझे मैसेज कर कहा- "मोदी से विपक्ष को अभी बहुत कुछ सीखने की जरूरत है...बंदा राजनीति का चाणक्य है।" हालांकि, उन्होंने अपनी इस टिप्पणी के पीछे का कारण, तो नहीं बताया, लेकिन उनकी इस बात ने मुझे ये सोचने पर मजबूर कर दिया कि इन तीन बड़ी हस्तियों को भारत रत्न दिए जाने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और आने वाले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2024) के नजरिए से देखा जाए, तो PM मोदी और बीजेपी ने आखिर कैसे इस फैसले के जरिए मतदाताओं को साधने की कोशिश की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर अलग-अलग पोस्ट कर ये जानकारी दी कि 'पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधान मंत्री, श्री पीवी नरसिम्हा राव गारू और डॉ. एमएस स्वामीनाथन जी को भारत रत्न से सम्मानित किया जाएगा।' इसके साथ ही उन्होंने तीनों महान हस्तियों के बारे में अपने कुछ विचार भी लिखे।

बात को ज्यादा न खींचते हुए, इस फैसले के पीछे के उन तीन पहलुओं को जान लेते हैं, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वाकई 'राजनीति का चाणक्य' कहने को मजबूर करते हैं। इसमें सबसे पहला फैक्टर है- किसान, दूसरा मोदी सरकार की स्टेट्समैनशिप यानि दलगत राजनीति से ऊपर उठकर ऐसे बड़े फैसले लेना और तीसरा और आखिरी है दक्षिण भारत को भी साधना। आइए अब एक-एक कर इन तीनों फैक्टर पर विस्तार से चर्चा करते हैं।

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