भारत का राजनीतिक सिस्टम पहले और भी जटिल था। आजादी के बाद हुए पहले 2 लोकसभा चुनावों के दौरान करीब 20 प्रतिशत सीटों पर जनता एक नहीं, बल्कि 2-2 लोकसभा सांसद चुनती थी। एक सांसद सामान्य कैटेगरी से और दूसरा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति कैटेगरी से। 1951-52 में देश का पहला आम चुनाव 26 राज्यों के 400 लोकसभा सीटों पर हुआ था। इनमें से 314 लोकसभा सीटों में एक सांसद चुना गए। वहीं बाकी 86 सीटों सामान्य और अनुसूचित जाति वर्ग से दो-दो सांसद चुने गए। पश्चिम बंगाल की एक सीट- नॉर्थ बंगाल में तो तीन सांसद भी चुने गए।