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LokSabha Polls: कर्नाटक के कलबुर्गी और शिमोगा सीट से क्यों चुनाव-प्रचार शुरू करेंगे PM मोदी, जानें कारण?

Loksabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 16 मार्च को कर्नाटक के कलबुर्गी और शिमोगा में रैलियों को संबोधित कर अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। इन दोनों रैलियो के जरिए वह समाज के दो वर्गों- अनुसूचित जाति और लिंगायत को साधने की कोशिश करेंगे, जो कर्नाटक में पहले बीजेपी के कट्टर समर्थक रहे हैं

Moneycontrol Newsअपडेटेड Mar 16, 2024 पर 12:16 PM
LokSabha Polls: कर्नाटक के कलबुर्गी और शिमोगा सीट से क्यों चुनाव-प्रचार शुरू करेंगे PM मोदी, जानें कारण?
Loksabha Election 2024: कलबुर्गी को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गढ़ कहा जाता है

Loksabha Election 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज 16 मार्च को कर्नाटक के कलबुर्गी और शिमोगा में रैलियों को संबोधित कर अपने चुनावी अभियान की शुरुआत करेंगे। इन दोनों रैलियो के जरिए वह समाज के दो वर्गों- अनुसूचित जाति और लिंगायत को साधने की कोशिश करेंगे, जो कर्नाटक में पहले बीजेपी के कट्टर समर्थक रहे हैं। कलबुर्गी (जिसे गुलबर्गा भी कहते हैं) एक आरक्षित सीट है और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का गढ़ है। माना जा रहा है कि खड़गे इस बार चुनाव नहीं लड़ने वाले हैं। खड़गे के गढ़ में रैली करके पीएम मोदी यहां से विपक्षी इंडिया गठबंधन को साफ संदेश देना चाहते हैं।

खड़गे ने 2009 और 2014 में यह सीट जीती थी। हालांकि 2019 में वह बीजेपी के उमेश जाधव से 95,000 से अधिक वोटों के अंतर से हार गए। साल 2023 के विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस ने कर्नाटक की सत्ता में वापस की और अब वह लोकसभा चुनाव में राज्य में 10 से अधिक सीटें जीतने की उम्मीद कर रही है। पार्टी 2019 में केवल बेंगलुरु ग्रामीण लोकसभा सीट जीतने में कामयाब रही थी, जहां से डीके सुरेश सांसद है।

माना जा रहा है कि पीएम मोदी कलबुर्गी में रैली करते हुए खड़गे पर निशाना साधेंगे। साथ ही अनुसूचित जाति के प्रति अपनी पार्टी की प्रतिबद्धताओं को दोहराएंगे।

हैदराबाद कर्नाटक इलाके में आने वाला यह हिस्सा शुरुआत से ही कांग्रेस का गढ़ रहा है। हालांकि यहां के अनुसूचित जाति में एक बड़ा हिस्सा मैडिगा समुदाय का है। मडिगाओं की संख्या होलियास से अधिक है, जो कि खड़गे का समुदाय है। हालांकि संख्या में अधिक होने के बावजूद सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक मामले में मैडिगा, होलीया से अधिक पिछड़े हैं।

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