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Lok Sabha Elections 2024: BSP के लिए इस बार करो या मरो की लड़ाई, क्या 'बहन जी' के साथ जाएंगे दलित?

Lok Sabha Elections 2024: इस खतरे को मायावती (Mayawati) समझ रही हैं और इसीलिए उन्होंने पार्टी की बागडोर युवा चेहरे और अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को देने की घोषणा कर दी। आकाश का चेहरा दलितों के बीच कितना असर डालेगा, यह तो समय ही बताएगा, लेकिन इतना साफ है कि मायावती के तमाम प्रयोग अब तक असफल साबित हुए हैं

Brijesh Shuklaअपडेटेड Feb 06, 2024 पर 3:10 PM
Lok Sabha Elections 2024: BSP के लिए इस बार करो या मरो की लड़ाई, क्या 'बहन जी' के साथ जाएंगे दलित?
Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव मायावती और बहुजन समाज पार्टी के लिए करो या मरो की लड़ाई है।

Lok Sabha Elections 2024: सीतापुर के सिधौली कस्बे में एक चाय की दुकान पर बैठे हजारी रैदास कहते हैं कि वह और उनके गांव के लोग बहन मायावती (Mayawati) को ही वोट देंगे। क्या बहुजन समाज पार्टी (BSP) लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Polls) में कुछ सीटो में सफल हो सकती हैं? इस सवाल के जवाब में हजारी कहते हैं कि उन्हें इससे मतलब नहीं कि BSP चुनाव जीतती है या नहीं लेकिन अगर वह हाथी को वोट नहीं देंगे, तो बहन जी के पार्टी और कमजोर हो जाएगी। इसलिए इस बार दलित मायावती के साथ जाएगा। वास्तव में 2024 के लोकसभा चुनाव बहुजन समाज पार्टी के लिए करो या मरो की लड़ाई है।

2007 से गिर रहा BSP का ग्राफ

BSP सुप्रीमो मायावती इस बात को बखूबी जानती हैं कि अभी नहीं तो कभी नहीं। अगर इस बार उनकी पार्टी को झटका लगता है, तो आने वाले चुनाव और भी कठिन हो जाएंगे। साल 2007 में उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव जीतने के बाद BSP हर चुनाव में न सिर्फ हार रही है, बल्कि उसका वोट प्रतिशत भी कम होता जा रहा है। अब बहुजन समाज पार्टी के लिए स्थितियां बेहद मुश्किल है और जमीन बहुत ही कमजोर हो गई है। अब उनके वोट बैंक को भी चुनौती मिल रही है।

आजाद पार्टी के नेता चंद्रशेखर आजाद रावण दलितों के बीच एक नया चेहरा हैं और कांग्रेस और SP सुप्रीमो अखिलेश यादव को उन पर काफी भरोसा है। चंद्रशेखर सपा और कांग्रेस के साथ खड़े हैं और इन दलों को लगता है कि उनके प्रभाव के कारण दलित वोट BSP से कट कर गठबंधन के पक्ष में आ जाएगा।

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