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'शरद साहब मेरे लिए भगवान हैं, लेकिन अगर मैं उनका बेटा होता तो मुझे मौका मिलता', अजित पवार का छलका दर्द

Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: डिप्टी सीएम ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पवार साहब मेरे भगवान हैं। लेकिन, अब 80 साल बाद उन्हें रूक जाना चाहिए। उन्हें नए लोगों को मौका देना चाहिए। अपने चाचा शरद पवार के इस बयान पर कि बीजेपी के साथ चर्चा हुई थी लेकिन उसके साथ जाने का फैसला नहीं किया गया था

Edited By: Akhileshअपडेटेड May 09, 2024 पर 2:35 PM
'शरद साहब मेरे लिए भगवान हैं, लेकिन अगर मैं उनका बेटा होता तो मुझे मौका मिलता', अजित पवार का छलका दर्द
Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: डिप्टी सीएम ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पवार साहब मेरे भगवान हैं

Maharashtra Lok Sabha Elections 2024: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने गुरुवार को कहा कि सिर्फ इसलिए कि वह NCP (SP) प्रमुख शरद पवार के बेटे नहीं हैं, उन्हें राजनीतिक अवसर नहीं मिला। NCP नेता अजित पवार ने कहा कि 80 साल की उम्र के बाद नए लोगों को मौका देना चाहिए। शिरूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में NCP उम्मीदवार शिवाजीराव अधराव पाटिल के समर्थन में प्रचार के लिए आए अजित पवार का दर्द छलक गया। उन्होंने कहा कि शरद पवार के नेतृत्व में काम करते समय उन्हें सिर्फ इसलिए मौका नहीं मिला क्योंकि वह उनके बेटे नहीं थे।

डिप्टी सीएम ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि पवार साहब मेरे भगवान हैं। लेकिन, अब 80 साल बाद उन्हें रूक जाना चाहिए। उन्हें नए लोगों को मौका देना चाहिए। अपने चाचा शरद पवार के इस बयान पर कि बीजेपी के साथ चर्चा हुई थी लेकिन उसके साथ जाने का फैसला नहीं किया गया था। इस पर अजित पवार ने कहा कि वह कम से कम स्वीकार कर रहे हैं कि चर्चा हुई थी और उन्होंने कहा कि वह बातचीत के गवाह थे।

अजित पवार ने कहा, "अगर मैं साहब का बेटा होता तो मुझे मौका मिलता। लेकिन बेटा नहीं हूं इसलिए मौका नहीं, ये कैसा न्याय?" उन्होंने आगे कहा कि मेरे NCP में सक्रिय होने से पहले, साहेब के पास कोई जिला बैंक नहीं था। जब से मैं राजनीति में आया हूं, तो जिला बैंक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नियंत्रण में है। अब दिगंबर दुर्गाड़े अध्यक्ष हैं। साथ ही जिला परिषद का कब्जा है।"

आपको बता दें कि पिछले साल जुलाई में अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 8 अन्य विधायक महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए, जिससे शरद पवार (83) द्वारा स्थापित NCP में विभाजन हो गया।

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