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TMC ने मतदाताओं के बीच बनाया डर का महौल, हारने पर एक खास वित्तीय सहायता योजना बंद करने की दी धमकी : अधीर रंजन चौधरी

अधीर रंजन चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस ने मतदाताओं के बीच डर पैदा करते हुए उन्हें धमकी दी है कि अगर उनका उम्मीदवार हार गया तो महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजनाओं में से एक को बंद कर दिया जाएगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 09, 2024 पर 10:27 AM
TMC ने मतदाताओं के बीच बनाया डर का महौल, हारने पर एक खास वित्तीय सहायता योजना बंद करने की दी धमकी : अधीर रंजन चौधरी
वरिष्ठ कांग्रेस नेता अधीर रंजन ने आगे कहा कि बंगाल कांग्रेस के अधिकांश नेता टीएमसी के साथ गठबंधन का विरोध कर रहे हैं

पश्चिम बंगाल कांग्रेस के मुखिया अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने अपनी क्षमता के अनुसार सब कुछ किया, लेकिन बहरामपुर लोकसभा सीट को बरकरार रखने में असफल रहे। बता दें कि अधीर रंजन 1999 से इस सीट से जीत रहे थे। बहरामपुर में क्या गलत हुआ, इस पर विस्तार से बात करते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, "हार तो हार होती है। मैंने वह सब कुछ किया जो मैं कर सकता था, लेकिन मैं सफल नहीं हो सका। मैं इस सीट (बहरामपुर) से पांच बार जीत चुका हूं। मैं सुन रहा हूं कि इस बार भाजपा को अधिक वोट मिले हैं।"

अधीर रंजन चौधरी ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए साक्षात्कार में दावा किया है कि तृणमूल कांग्रेस ने मतदाताओं के बीच डर पैदा करते हुए उन्हें धमकी दी है कि अगर उनका उम्मीदवार हार गया तो महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई योजनाओं में से एक को बंद कर दिया जाएगा।

उन्होंने कहा, "मेरा जिला बहुत गरीब जिला है। यहां प्रवासी श्रमिकों की पहुत बड़ी आबादी रहती है। अगर किसी गरीब व्यक्ति को 1,000 से 1,200 रुपये मिलते हैं, तो यह उसके लिए अक बड़ी राहत है, खासकर महिलाओं के लिए। तृणमूल ने चुनाव अभियान के दौरान कहा कि अगर टीएमसी उम्मीदवार हार जाता है, तो लक्ष्मी भंडार योजना (महिलाओं के लिए) बंद कर दी जाएगी। उन्होंने मतदाताओं में यह डर पैदा किया।"

ममता बनर्जी की अगुवाई वाली पार्टी के इस दावे पर कि वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ गठबंधन की राह में बाधा बन रहे हैं, चौधरी ने कहा, "मैंने अपनी पार्टी से कहा था कि पार्टी के किसी के साथ समझौता करने में मुझे कोई समस्या नहीं है। लेकिन मैंने पार्टी से ये भी कहा कि जब तक मैं बंगाल में कांग्रेस की कमान संभालूंगा, बंगाल की सीएम कोई समझौता नहीं करेंगी। मैंने पार्टी से कहा थी कि वह किसी नए व्यक्ति को राज्य कांग्रेस की कमान सौंप दे और ममता से सीधे बात करे, इससे मुझे कोई परेशानी नहीं है। लेकिन अगर वे मुझे पार्टी के चेहरे के रूप में पेश करते हुए टीएमसी से बात करते हैं, तो कोई समझौता नहीं होगा।"

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