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UP Loksabha Chunav: मां सोनिया की विरासत रायबरेली को कैसे जीत पाएंगे राहुल, BJP ने झोंकी पूरी ताकत, क्या है वोटर के मन में?

UP Lok Sabha Election 2024: रायबरेली की गली चौराहे पर चुनावी चर्चा चल रही है। रायबरेली में जैसा रोचक चुनाव हो रहा है, वैसा शायद कम ही देखने को मिलता है। गांधी नेहरू परिवार की तीसरी पीढ़ी रायबरेली से चुनाव मैदान में है। रायबरेली गांधी परिवार की परंपरागत सीट है। देश में हुए शुरुआती चुनाव में यानी 1952 और साल 1957 में राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी रायबरेली से ही चुनाव मैदान में उतरे थे और जीते भी

Brijesh Shuklaअपडेटेड May 17, 2024 पर 1:55 PM
UP Loksabha Chunav: मां सोनिया की विरासत रायबरेली को कैसे जीत पाएंगे राहुल, BJP ने झोंकी पूरी ताकत, क्या है वोटर के मन में?
UP Loksabha Chunav: मां सोनिया की विरासत रायबरेली को कैसे जीत पाएंगे राहुल

रायबरेली के हरचंदपुर में एक चाय की दुकान पर कुछ लोग चुनावी समीकरणों पर बहस पर कर रहे हैं। हरचंदपुर के ही मनोहर कहते हैं "अंतर बताऊं कि राहुल गांधी कितने वोटों से चुनाव जीतेंगे। शर्त लगा लो हार जीत का अंतर दो लाख से ज्यादा होगा। ये रायबरेली है रायबरेली। यहां पर गांधी परिवार ही जीतता है।" लेकिन सामने बैठे संजीवन वर्मा ये मानने को तैयार नहीं हैं कि राहुल गांधी आसानी से चुनाव जीत जाएंगे। संजीवन कहते हैं कि लड़ाई इतनी आसान नहीं है, जितनी तुम्हें लग रही है। बीजेपी भी यहां अच्छा लड़ रही है, लेकिन चुनावी चर्चा में शर्त लगाने को तैयार लोगों में कांग्रेस समर्थकों की संख्या ज्यादा है और वे मानते हैं कि रायबरेली में राहुल के लिए लड़ाई बहुत आसान है।

रायबरेली की गली चौराहे पर चुनावी चर्चा चल रही है। रायबरेली में जैसा रोचक चुनाव हो रहा है, वैसा शायद कम ही देखने को मिलता है। गांधी नेहरू परिवार की तीसरी पीढ़ी रायबरेली से चुनाव मैदान में है। रायबरेली गांधी परिवार की परंपरागत सीट है। देश में हुए शुरुआती चुनाव में यानी 1952 और साल 1957 में राहुल गांधी के दादा फिरोज गांधी रायबरेली से ही चुनाव मैदान में उतरे थे और जीते भी। इसके बाद यह सीट गांधी परिवार की हो गई।

राहुल के लिए कितनी आसान होगी रायबरेली की राह?

इस बार राहुल गांधी के चुनाव मैदान में उतरते ही यह सीट और भी महत्वपूर्ण हो गई है। वैसे पिछले चुनाव में सोनिया गांधी इस सीट से जीती थीं। उन्होंने पिछले चुनाव में दिनेश प्रताप सिंह को ही हरा दिया था। तब सपा और बसपा ने सोनिया गांधी को समर्थन दिया था।

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