भारतीय बाजारों ने 2022 की शुरुआत मजबूती के साथ की है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों और FOMC के कठोर रवैये के बावजूद बैंकिंग, ऑयल एंड गैस स्टॉक के दम पर पिछले हफ्ते बाजार 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहा है।
भारतीय बाजारों ने 2022 की शुरुआत मजबूती के साथ की है। कोविड-19 के बढ़ते मामलों और FOMC के कठोर रवैये के बावजूद बैंकिंग, ऑयल एंड गैस स्टॉक के दम पर पिछले हफ्ते बाजार 2 फीसदी से ज्यादा की बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहा है।
बीते हफ्ते सेसेंक्स 1,490.83 अंक यानी 2.55 फीसदी की बढ़त के साथ 59,744.65 के स्तर पर बंद हुआ जबकि निफ्टी 458.65 अंक यानी 2.6 फीसदी की बढ़त के साथ 17,812.70 के स्तर पर बंद हुआ।
अलग-अलग इंडेक्स पर नजर डालें तो BSE Bankex और Oil & Gas इंडेक्स क्रमश: 6.3 और 5.3 फीसदी भागे हैं। वहीं Healthcare और Information Technology इंडेक्स 1 औऱ 2 फीसदी टूटे हैं।
7 जनवरी को खत्म हुए हफ्ते में छोटे-मझोले शेयरों का प्रदर्शन दिग्गज शेयरों के अनुरुप ही रहा था। बीएसई मिड और स्मॉलकैप इंडेक्स 1 फीसदी की बढ़त लेकर बंद होने में कामयाब रहे थे। पिछले हफ्ते करीब 122 स्मॉलकैप शेयर ऐसे थे जो 10-38 फीसदी की बढ़त के साथ बंद हुए थे। इसमें BGR Energy Systems, Jaiprakash Power Ventures, Tata Teleservices (Maharashtra), 63 Moons Technologies, DB Realty, Urja Global, Jaypee Infratech, Greaves Cotton, JBM Auto, Steel Exchange India और India Cements के नाम शामिल हैं।
दूसरी तरफ Hinduja Global Solutions, Spandana Sphoorty Financial, Surya Roshni, Dhanuka Agritech, Brigade Enterprises, Jubilant Industries, Max Healthcare Institute, Asian Granito India और Persistent Systems मिडकैप के टॉप लूजर रहे थे।
जनवरी महीने में अब तक एफआईआई भी नेट बायर रहे हैं। इस हफ्ते के दौरान 10-year US बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी देखने को मिली है और कच्चे तेल की कीमतें 80 डॉलर के पार चली गई है और यह अक्टूबर 2021 के अपने हाई के करीब नजर आ रही हैं।
Kotak Securities के श्रीकांत चौहान का कहना है कि महंगाई से बढ़ी चिंता, ब्याज दरों में बढ़ोतरी का दौर शुरु होने की संभावना और कोविड-19 के मामलों में हो रही बढ़त बाजार के लिए चुनौती है। अगले 1 महीने में घरेलू बाजार आने वाले तिमाही नतीजों और फरवरी में आनेवाले यूनियन बजट पर नजर रखेगा।
आगे कैसी रहेगी बाजार की चाल
Religare Broking के अजित मिश्रा का कहना है कि हाल में आई तेजी के बाद बाजार में फिर कंसोलिडेशन की संभावना नजर आ रही है और यह बाजार के लिए अच्छा भी होगा। इसके साथ ही बाजार में उतार-चढ़ाव बने रहने की भी संभावना है। मिले-जुले ग्लोबल संकेतों और कोविड -19 से जुड़ी खबरें बाजार पर अपना असर दिखाती रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि IIP,CPI और WPI जैसे आने वाले मैक्रो इकोनॉमिक आंकड़ों के साथ ही जल्द शुरु होने वाला नतीजों का मौसम बाजार को अस्थिर रखेगा। हमारी सलाह होगी कि बाजार पर पॉजिटिव नजरिया बनाए रखते हुए सर्तक रहें और अपने पोजिशन की हैजिंग करें।
BNP Paribas के गौरव रत्नपारखी का कहना है कि इंडेक्स पिछले कुछ कारोबारी सत्रों से अपने अहम Fibonacci level के करीब कंसोलिडेशन हो रहा है। आवर्ली बोलिंगर ब्रैंड सपाट हो गया है जो इस बात का संकेत है कि बाजार में कुछ और समय तक कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है। बाजार का ओवरऑल स्ट्रक्चर इस समय हेल्दी कंसोलिडेशन का संकेत दे रहा है और बाजार अगली तेजी के लिए तैयारी करता नजर आ रहा है। अभी की बात करें तो अगले कुछ कारोबारी सत्रों में निफ्टी 17,650–18,000 के दायरे में साइडवेज दायरे बद्ध कारोबार करता नजर आ सकता है। नीचे की तरफ निफ्टी के लिए 17,650-17,600 के लेवल पर सपोर्ट नजर आ रहा है जबकि ऊपर की तरफ 18000 पर शॉर्ट टर्म के लिए रजिस्टेंस नजर आ रहा है।
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