क्या आपको लगता है कि भारत-अमेरिका व्यापार समस्या का कोई समाधान न होने पर भी, विदेशी संस्थागत निवेशक जल्द ही भारत की तरफ लौटेंगे? इसके जवाब में अरिंदम मंडल ने कहा कि हां वे फिर भी लौट सकते हैं। देश में होने वाले विदेशी निवेश का अमेरिकी रियल यील्ड,डॉलर की स्थिति और अर्निंग्स के साथ सीधा संबंध है। उन्होंने कहा,"अगर अमेरिकी बॉन्ड यील्ड कम होती है और भारत की अर्निंग स्थिर रहती है,तो FIIs भारत-अमेरिका व्यापार संबंधी अनसुलझे मुद्दों के बावजूद फिर से हमारे बाजारों की ओर रुख कर सकते हैं।" भारत का लॉन्ग टर्म आउटलुक काफी अच्छा है। लेकिन महंगा वैल्यूएशन और अर्निंग में मंदी चिंता का विषय रहे हैं। अगर इनमें से किसी एक में भी सुधार होता है,तो हमें विदेशी निवेशकों की वापसी देखने को मिल सकती है।