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इन चार ट्रिगर्स में से कोई भी एक इक्विटी मार्केट में भर सकता है जोश-ग्रीन पोर्टफोलियो के अनुज जैन

अनुज जैन ने कहा कि अकेले जीएसटी को तर्कसंगत बनाने से अमेरिकी टैरिफ के दबाव के कम होने की संभावना नहीं है। वर्तमान में टैरिफ से संबंधित दिक्कतों का सामना कर रही कंपनियों पर जीएसटी सुधारों का असर बहुत ज्यादा नहीं होगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 19, 2025 पर 10:46 AM
इन चार ट्रिगर्स में से कोई भी एक इक्विटी मार्केट में भर सकता है जोश-ग्रीन पोर्टफोलियो के अनुज जैन
Daily Voice : अनुज जैन दुनिया भर के बाज़ारों के लिए सबसे बड़ा जोखिम सिर्फ़ टैरिफ़ नहीं है, बल्कि यह अनिश्चितता है कि ट्रंप आगे क्या करेंगे

ग्रीन पोर्टफोलियो पीएमएस के अनुज जैन का कहना है कि जीएसटी को तर्कसंगत बनाने,पुनर्गठित टैक्स सिस्टम और हाल ही में ब्याज दरों में कटौती से मांग को मज़बूत बढ़ावा मिल सकता है। इससे अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा मिल सकती है। उनकी राय है कि बाजार तेजी पकड़ने के लिए अगली अच्छी खबर का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका-भारत व्यापार समझौता,किसी बहाने से भारत पर टैरिफ हटाना, रूस-यूक्रेन विवाद का समाधान और यूरोपीय संघ के साथ व्यापार समझौता ऐसे ट्रिगर हैं जो बाजार में जोश भर सकते हैं। अगर इनमें से कोई की ट्रिगर दब जाता है तो बाजार में तेज रफ्तार पकड़ सकता है।

जीएसटी सुधारों पर बात करते हुए अनुज जैन ने कहा कि अकेले जीएसटी को तर्कसंगत बनाने से अमेरिकी टैरिफ के दबाव के कम होने की संभावना नहीं है। वर्तमान में टैरिफ से संबंधित दिक्कतों का सामना कर रही कंपनियों पर जीएसटी सुधारों का असर बहुत ज्यादा नहीं होगा। हालांकि,उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जीएसटी सुधारों से घरेलू मांग मजबूत होगी, कारोबारी माहौल में सुधार होगा और निर्यातकों की क्षमता बढ़ेगी।

क्या आपको भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त 25% टैरिफ के स्थगन की कोई संभावना दिखती है?

अभी इसकी बहुत कम संभावनाएं दिख रही हैं। बातचीत में देरी हो रही है। वाशिंगटन ने पहले ही 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ को रूसी तेल पर अपने रुख के साथ जोड़ दिया है। 25 तारीख के आसपास होने वाली भारत-अमेरिका वार्ता स्थगित कर दी गई है। इससे अंतिम समय में किसी भी समायोजन की संभावना और कम हो गई है। निर्यातकों के लिए,व्यावहारिक राय यही है कि जीएसटी की बढ़ोतरी लागू रहेगी।

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