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मजबूत रैली के बाद, म्यूचुअल फंड ने जून तिमाही में भारतीय बैंकों में घटाई हिस्सेदारी

Banking stocks : विश्लेषकों के एक वर्ग का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 में बैंकिंग सेक्टर के नेट प्रॉफिट मार्जिन में गिरावट देखने को मिलेगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें ये भी लगता है कि वित्त वर्ष 2023 की तुलना में वित्त वर्ष 2024 में इस सेक्टर में सिस्टेमेटिक क्रेडिट ग्रोथ में कमी देखने को मिलेगी। इसके चलते पूरे बैंकिंग सिस्टम के कुल प्री-प्रॉविजनिंग अर्निंग ग्रोथ में काफी मंदी आ सकती है

Curated By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Aug 02, 2023 पर 12:57 PM
मजबूत रैली के बाद, म्यूचुअल फंड ने जून तिमाही में भारतीय बैंकों में घटाई हिस्सेदारी
जून तिमाही के नतीजों के मौसम के दौरान अब तक 26 बैंकों ने अपने नतीजे जारी किए हैं जिनमें से 12 बैंकों के मुनाफे में तिमाही आधार पर गिरावट देखने को मिली है। जबकि धनलक्ष्मी बैंक ने नेट लॉस दर्ज किया है

Banking stocks : (BSE)बीएसई के शेयरहोल्डिंग पैटर्न डेटा के मुताबिक पिछले एक साल में दिखी मजबूत रैली के बाद जून तिमाही के दौरान म्यूचुअल फंडों ने सरकारी बैंकों सहित भारतीय बैंकों में पिछली तिमाही की तुलना में अपनी हिस्सेदारी में कटौती की है। चार तिमाहियों के बाद यह पहली बार है जब म्यूचुअल फंड बैंकों में हिस्सेदारी कम करते दिखे हैं।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के रिटेल रिसर्च के हेड दीपक जसानी का कहना है कि जून तिमाही में, म्यूचुअल फंड्स ने कई बैंकों (सार्वजनिक और निजी दोनों ) में हिस्सेदारी बेची है और कुछ बैंक शेयरों में हिस्सेदारी जोड़ी है। यह पिछले कुछ महीनों में देखी गई रैली के बाद इन शेयरों के वैल्यूएशन पर म्यूचुअल फंड्स के नजरिए का संकेत है।

विश्लेषकों के एक वर्ग का मानना है कि वित्त वर्ष 2024 में बैंकिंग सेक्टर के नेट प्रॉफिट मार्जिन में गिरावट देखने को मिलेगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें ये भी लगता है कि वित्त वर्ष 2023 की तुलना में वित्त वर्ष 2024 में इस सेक्टर में सिस्टेमेटिक क्रेडिट ग्रोथ में कमी देखने को मिलेगी। इसके चलते पूरे बैंकिंग सिस्टम के कुल प्री-प्रॉविजनिंग अर्निंग ग्रोथ में काफी मंदी आ सकती है।

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