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BSE Shares: रिकॉर्ड हाई के बाद बिकवाली का दौर शुरू, दो ही दिन में इस कारण 8% टूटे शेयर

BSE Shares: बीएसई के शेयरों में आज लगातार दूसरे कारोबारी दिन बिकवाली की आंधी चली और दो दिनों में यह करीब 8% टूट गया। इसके शेयरों में बिकवाली का यह दबाव तब से शुरू हुआ है, जब एक्सचेंज ने इसके शेयरों की उठा-पटक को लेकर एक बड़ा फैसला किया। जानिए क्या है यह फैसला जिसके चलते निवेशक धड़ाधड़ इसके शेयर बेच रहे हैं?

Edited By: Moneycontrol Hindi Newsअपडेटेड Jun 12, 2025 पर 4:05 PM
BSE Shares: रिकॉर्ड हाई के बाद बिकवाली का दौर शुरू, दो ही दिन में इस कारण 8% टूटे शेयर
BSE Shares: बिकवाली के माहौल में बीएसई के भी शेयर आज ढह गए। इसके शेयरों में आज लगातार दूसरे कारोबारी दिन गिरावट का भारी दबाव दिखा और दो दिनों में यह 8% से अधिक टूट गया।

BSE Shares: बिकवाली के माहौल में बीएसई के भी शेयर आज ढह गए। इसके शेयरों में आज लगातार दूसरे कारोबारी दिन गिरावट का भारी दबाव दिखा और दो दिनों में यह 8% से अधिक टूट गया। आज की बात करें तो इंट्रा-डे में एनएसई पर यह 4.65% फिसलकर ₹2,748.40 के भाव तक आ गया था। निचले स्तर पर रिकवरी के बावजूद यह काफी कमजोर बना हुआ है। दिन के आखिरी में यह 4.42% की गिरावट के साथ ₹2,755.00 के भाव पर बंद हुआ है। इसके शेयरों में बिकवाली का यह दबाव तब से आया है, जब से इसे लॉन्ग टर्म एडीएशनल सर्विलांस मेजर्स (ASM) फ्रेमवर्क के पहले स्टेज में रखा गया।

BSE के इस फ्रेमवर्क में आने का क्या है मतलब?

बीएसई के शेयर दो दिन पहले ही 10 जून 2025 को रिकॉर्ड हाई पर चले गए थे। हालांकि फिर इसे 11 जून को लॉन्ग टर्म एएसएम फ्रेमवर्क के पहले स्टेज में डाल दिया गया यानी कि अब इसमें ट्रे़डिंग के लिए 100% मार्जिन की जरूरत पड़ेगी। लॉन्ग टर्म एएसएम में किसी स्टॉक को वॉल्यूम, प्राइस वैरिएशंस और एक खास टाइम फ्रेम में टॉप क्लाइंट्स के कंसेंट्रेशन के आधार पर रखा जाता है। यह शेयरों के उतार-चढ़ाव पर एक्सचेंजों की अतिरिक्त निगरानी का तरीका होता है।

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